सोरायसिस इम्यून सिस्टम खराब होने की वजह से हॉट है जो स्कीन सेल्स को पूरी तरह से प्रभावित करता है। इसकी वजह से स्कीन लाल हो जाती है अक्सर खुजली, दर्द और सूजन की समस्या रहती है वही सोरायसिस के कई कारण हो सकते है। इससे दुनियाभर में लगभग 105 मिलियन लोगसोरायसिस से पीड़ित हैं, जो एक पुराणी आटोइम्यून स्कीन है वही हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है की सोरायसिस के पीछे का सटीक कारण स्पष्ट नहीं है, लेकिन नेटिक फैक्टर्स,एनवायर्नमेंटल ट्रिगर्स और इम्यून सिस्टम की गड़बड़ी इसका मुख्य कारण हो सकता है इसके साथ ही इसके इलाज के लिए सिस्टमिक ट्रीटमेंट,फोटोथेरपी, टोपिकल ट्रीटमेंट और कॉर्टिकोस्टेरॉइड उपलब्ध है ऐसे में आइए जान लेते है इसके इलाज के और क्या क्या कारण हो सकते है।
सोरायसिस के लक्षण
त्वचा पर लाल, मोटे धब्बे जिन सफ़ेद रंग की पपड़ियां होती हैं।
त्वचा रूखी और फटी हुई और उसमें खुजली या खून निकलता हो।
नाखून मोटे, उभरे हुए, और गड्ढेदार हो जाते हैं?
पूरे शरीर पर या सिर्फ हथेलियों, तलवों और अन्य छोटे अंगों पर छोटे-छोटे फुंसी।
हाथ, पैर, घुटने और कोहनी पर लाल उभरे हुए धब्बे।
सोरायसिस का इलाज
रेगेन रेटिवे मेडिसिन सोरायसिस मरीजों के लिए काफी फायदेमंद होता है। इसमें स्टेम सेल उपचार, प्लेटलेट-रिच प्लाज्मा थेरेपी और ऊतक इंजीनियरिंग जैसे इलाज शामिल हैं, जिनका उद्देश्य शरीर को नेचुरली हेल्दी रखना होता है। रेगेन रेटिवे मेडिसिन सोरायसिस के मूल कारण को संबोधित करने की संभावना प्रदान करती है।
स्टेम सेल्स– स्टेम सेल सोरायसिस के इलाज में सबसे अच्छा इलाज माना जाता है। वे दागदार या डैमेज स्किन को हेल्दी बनाता हैं। इसके साथ ही सोरायसिस से प्रभावित वाली त्वचा कोशिकाओं के तेजी से होने वाले बदलाव को धीमा करने के लिए इम्युनिटी को बढ़ावा देता है।
पीआरपी थेरेपी
पीआरपी थेरेपी भी सोरायसिस के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। ये स्किन से निकालना औक प्लेटलेट्स को कम करने में मदद करता है। ये थेरेपी घाव भरने में तेजी लाती है और सोरायसिस प्रभावित हिस्सों को अधिक प्रभावी ढंग से ठीक करके इसकी की गंभीरता को कम करती है।