केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने दिल्ली में, देश में विकसित विश्व की पहली दो जीनोम संपादित चावल की किस्मों को लांचिंग को लेकर के मिडिया से बातचीत की है। उनका कहना है कि ये दोनों नई किस्में राष्ट्र में दूसरी हरित क्रांति का बिगुल बजाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। वही मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इन दोनों किस्मों को जल्द से जल्द किसानों तक पहुंचाने के लिए दिशा निर्देश जारी किए है। वही रविवार को कृषि मंत्री कमला डीआरआर धान 100 और पूसा डीएसटी राइस-1 धान की किस्में देश को समर्पित की हैं।
पीएम मोदी का संकल्प हुआ पूरा
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, ‘प्रधानमंत्री का विकसित भारत का संकल्प पूरा हो रहा है और किसान समृद्धि की ओर बढ़ रहे है। आजादी के अमृत महोत्सव में प्रधानमंत्री ने कृषि की चुनौतियों से निपटने के लिए किसानों से आधुनिक तकनीक को बढ़ावा देने की अपील की वही उन्हीं के शब्दों को प्रेरणा का रूप देते हुए आईसीएआर के वैज्ञानिकों ने नई किस्मों को इजाद कर कृषि क्षेत्र में असाधारण उपलब्धि अर्जित की है।
ग्रीन हाउस उत्सर्जन की कमी
इन नई फसलों के विकसित होने से उत्पादन क्षमता में बढ़ोतरी हो रही है वही साथ ही पर्यावरण को भी इससे सकारात्मक नीत्ज़े मिलने वाले है वही सिंचाई की बात करे तो बल्कि ग्रीनहाउस गैस के उत्सर्जन से पर्यावरण पर पड़ने वाले दबाव में भी कमी आएगी। वही शिवराज सिंह ने पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने कहा था जय जवान, जय किसान, उसमें आगे अटल बिहारी वाजपेयी ने जोड़ा जय विज्ञान और हमारे प्रधानमंत्री मोदी जी ने जोड़ा जय अनुसंधान। चौहान ने कहा कि आने वाले समय में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने, पोषणयुक्त उत्पादन बढ़ाने और देश के साथ-साथ दुनिया के लिए खाद्यान्न की व्यवस्था करते हुए भारत को फूड बासकेट बनाने के ध्येय से काम करना होगा।
रिसर्च को किसानों तक ले जाएं
केंद्रीय मंत्री का कहना है कृषि में रिसर्च को किसानों तक ले जाना है वही कृषि वैज्ञानिक और किसान एक हो जाएंगे। इस दौरान कृषि मंत्री का कहना है, मुझे विश्वास है की ये दोनों किस्में राष्ट्र में दूसरी हरित क्रांति का बिगुल बजाने में अग्रणी भूमिका निभा रही है वही खाद्यान्न सुरक्षा के सवाल पर केंद्रीय मंत्री सिंह ने कहा कि भारत के पास किसी भी मुश्किल स्थिति के लिए पर्याप्त खाद्यान्न है। उनका मानना है की उत्पादन क्षमता में वृद्धि के लक्ष्य के साथ तेजी से काम चल रहा है। वही नई किस्मों की पहुंच किसानों तक जल्द से जल्द सुनिश्चित हो, इसके लिए भरसक प्रयास किए जा रहे हैं।
