इस समय रबी की खेती का सीजन चल रहा है। रबी की फसल में गेहूं, चना, सरसों आती है। इसमें से तिलहनी फसलों में सरसों की खेती किसानो द्वारा प्रमुख रूप से की जाती है। वही अधिकांश रूप से सरसों की खेती देश के कई राज्यों में की जाती है जिनमें मुख्य रूप से राजस्थान, पंजाब, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, गुजरात, बिहार, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, असम शामिल हैं। जहां सरसों की खेती को प्रमुखता दी जाती है सरसों की खेती प्रमुख रूप तेल के लिए होती है ऐसे में किसान अधिक तेल की मात्रा वाली सरसों की किस्मों की बुवाई की जाती है।
सरसों में लाटी व आरा मक्खी का प्रकोप
इन दिनों सरसों में लाटी कीट व आरा मक्खी का प्रकोप अधिक रहता है। इस रोग से फसल को बहुत नुकसान होता है। यदि समय पर इसकी रोकथाम नहीं की जाए तो फसल को नुकसान होता है। कभी–कभी तो इस रोग के प्रकोप से पूरी फसल चौपट हो जाती है। ऐसे में किसानों को सरसों के इन रोगों के बारे में जानकारी अवश्य होनी चाहिए ताकि वे समय पर इसकी रोकथाम के उपाय कर सके और नुकसान से बच सकें।
सरसों के लाटी कीट की कैसे करें पहचान
सरसों की फसल में पाए जाने वाला लाही कीट छोटे भूरे या काले रंग का होता है तो पौधा का रस चूसकर विकास को बाधित करते है लाही कीट द्वारा पौधा का रस चूसने से पौधों की पत्तियां धीरे-धीरे मुरझाने लगती हैं और सिकुड़ जाती हैं। इससे पौधों की बढ़वार रूक जाती और पोधे कमजोर हो जाता है। इस वजह से फलियों में दाना नहीं बन पाता है, जिसका असर फसल पैदावार पर पड़ता है फसल की पैदावार में भारी गिरावट आ जाती है जिससे किसान को नुकसान होता है लेकिन यदि समय पर इस कीट से फसल को बचाने के लिए उपाय किए जाए तो इस पर नियंत्रण किया जा सकता है।
क्या है लाही कीट से बचाव के उपाय
पीली स्टिकी ट्रैप का करें इस्तेमाल
लाही कीट के प्रकोप पर नियंत्रण पाने के लिए किसान पीली स्टिकी ट्रेप का इस्तेमाल कर सकते है इसके लिए आपको 5–6 पीली स्टिकी ट्रैप प्रति एकड़ खेत में लगा सकते है ये ट्रेप कीटो का आकर्षित करती है और उन्हें अपने में फंसा लेती है इसमें फंसकर यह कीट मर जाते हैं, जिससे उनकी संख्या में कमी आती है।
खेत को रखें खरपतवार से रहित
सरसों के खेत में खरपतवार न पनप पाए। इसके लिए समय–समय पर इसे हटाते रहना चाहिए। क्योंकि खरपतवार होने से इन कीटों को इसमें शरण मिल जाती है और वे पनपने लगते हैं और इनका प्रकोप फसल पर पड़ने लगता है। ऐसे में खेत को खरतवार से रहित रखें। खरपतवार उन अवांच्छनीय पौधों को कहा जाता है जो खेत में अनायास ही उग जाते हैं जिससे फसल को किसी प्रकार का लाभ नहीं होता है।
आरा मक्खी कीट से सरसों की फसल को कैसे बचाएं
आरा मक्खी कीट से सरसों की फसल को बचाने के लिए इस पर नियंत्रण कर सकते है।
फसल की करें सिंचाई
जब सरसों का पौधा थोड़ा बड़ा हो रहा हो तो उस अवस्था में सिंचाई करना काफी असरकारक माना गया है। ऐसा करने से आरा मक्खी के लार्वा पानी में डूबने से मर जाते हैं। इसी के साथ सुबह और शाम के समय आरा मक्खी के ग्रबों को इक्ट्ठा करके इन्हें नष्ट कर देना चाहिए।
रासायनिक उपाय
आरा मक्खी कीट का प्रकोप होने पर सरसों की फसल पर मैलाथियान 50 ईसी प्रति 400 मिली प्रति एकड़ या क्विनालफॉस 25 ईसी प्रति 250 मिली दवा को 200 से 250 लीटर पानी में प्रति एकड़ के हिसाब से डालकर छिड़काव करे।
