हिमाचल प्रदेश में इस समय समोसे का खूब चर्चा हो रही है। अब ये चर्चा हिमाचल प्रदेश से निकलकर पूरे देश में फैल रही है। दरअसल सीएम के कार्यक्रम में सोमसे को लेकर के विवाद खड़ा हो गया है और CID को इसकी जांच भी करनी पड़ रही है खुद सीएम ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है ऐसे में आइए जान लेते है, आखिर पूरा विवाद क्या है।
सीएम सुक्खू साइबर विंग स्टेशन का उद्घाटन करने के लिए सीआईडी मुख्यालय पहुंचे थे। यहां आईजी रैंक के अधिकारी ने SI को सीएम के लिए खाने-पीने की चीजें लाने का आदेश दिया। SI ने एक ASI और हेड कांस्टेबल को इस काम में लगा दिया। इसके बाद रेडिसन ब्लू होटल से तीन डिब्बों में नाश्ता मंगवाया था।
ये नाश्ता मंगवाया तो सीएम के लिए गया था लेकिन सीएम तक पहुंचा ही नहीं। कहा जा रहा है कि पूछताछ में एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि ड्यूटी पर मौजूद पर्यटन विभाग के कर्मचारियों से पूछा गया कि क्या तीनों डिब्बों में रखे नाश्ते मुख्यमंत्री को परोसे जाने हैं तो उन्होंने इससे इनकार कर दिया। कहा जा रहा है कि ये नाश्ता सीएम करेंगे, इसकी जानकरी सिर्फ उस SI को ही थी, जिसे IG ने नाश्ता लाने का आदेश दिया था।
इसके बाद एक महिला इंस्पेक्टर को ये नाश्ता सौंप दिया गया। अब महिला अधिकारी ने बिना किसी सीनियर से पूछे ही मैकेनिकल ट्रांसपोर्ट विभाग दे दिया है। ये विभाग जलपान से ही संबंधित है। इस दौरान डिब्बे कई लोगों के पास गए। अब इसमें शामिल अधिकारियों पर सरकार विरोधी आरोप लगाया गया है और मामले की जांच करवाई जा रही है।
मुख्यमंत्री का कहना है कि जाँच कमेटी समोसा खाने के लिए नहीं बल्कि खराब व्यवहार की वजह से बनाई गयी है। वही भाजपा अब इस मामले को लेकर सरकार को घेरने में लगी। भाजपा विधायक रणधीर शर्मा ने कहा कि ऐसा लगता है कि सरकार को किसी विकास कार्य में कोई दिलचस्पी नहीं है और उसका ध्यान सिर्फ खाने पर है।