नई दिल्ली: सांसद सुरेश कश्यप ने लोकसभा में जानकारी दी कि सरकार ने आयकर प्रावधानों को सरल बनाने और मध्यम वर्गीय करदाताओं को राहत देने के लिए बजट 2025-26 में कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव रखे हैं। 2020-21 में लागू की गई नई कर व्यवस्था के तहत लगभग 75% करदाता इसे अपना चुके हैं और अब 2025-26 के बजट में इस व्यवस्था को और अधिक लाभकारी बनाने की दिशा में कदम उठाए गए हैं।
नई आयकर छूट सीमा में बढ़ोतरी की घोषणा की गई है। पहले, 7 लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं लगता था, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 12 लाख रुपये कर दिया गया है। इसका सीधा फायदा करीब 1 करोड़ करदाताओं को होगा, जिन्हें पहले 20,000 से 80,000 रुपये तक का कर चुकाना पड़ता था, अब उन्हें कोई कर नहीं देना पड़ेगा।
वेतनभोगियों के लिए मानक कटौती सीमा को भी बढ़ाकर 75,000 रुपये कर दिया गया है। इससे चार करोड़ वेतनभोगी और पेंशनभोगियों को राहत मिलेगी। पारिवारिक पेंशन पर कटौती भी 25,000 रुपये तक बढ़ा दी गई है।
नई कर व्यवस्था के तहत करदाताओं को अन्य छूट का भी लाभ मिलेगा। इनमें 25 लाख रुपये तक की छुट्टी नकदीकरण, एनपीएस में नियोक्ता के योगदान पर अधिक कटौती और दैनिक भत्ता, वाहन भत्ता और ग्रेच्युटी राशि पर छूट शामिल हैं।
साथ ही, बजट 2025-26 में वरिष्ठ नागरिकों के लिए टीडीएस (Tax Deducted at Source) की सीमा बढ़ाई गई है, विशेष रूप से ब्याज आय और किराये की आय पर। इसके अलावा, शिक्षा ऋण से विदेश भेजी गई राशि पर अब टीसीएस (Tax Collected at Source) को हटा दिया गया है।
बजट 2025-26 के इन प्रस्तावों से मध्यम वर्गीय करदाताओं को महत्वपूर्ण राहत मिलने की संभावना है, जो टैक्स के बोझ से मुक्त होंगे और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
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