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Durga Ashtami 2023 : आज हैं दुर्गाष्टमी की खास पूजा,आइये जानते हैं इसके बारे में..

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Durga Ashtami 2023 : नवरात्री के अष्टमी का अंत तथा नवमी का आरम्भ होने जा रहा हैं । हिंदू धर्म में संधि पूजा को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। संधि पूजा नवरात्रि उत्सव के दौरान मनाई जाती है। यह पूजा एक विशेष समय पर की जाती है। अर्थात संधि पूजा उस समय की जाती है जब अष्टमी तिथि समाप्त होकर नवमी तिथि आरंभ होती है। अष्टमी तिथि के समापन के आखिरी 24 मिनट और नवमी तिथि आरंभ के प्रथम 24 मिनट एक साथ मिलकर संधि क्षण बनाते हैं।

Source : गूगल, दुर्गाष्टमी के अवसर पर दुर्गा की तस्वीर

संधि पूजा का महत्‍व –

संधि काल के बारे में धार्मिक मान्‍यता है कि यह वह समय होता है जब आदि शक्ति मां दुर्गा ने देवी चामुंडा का अवतार धारण कर असुर चण्ड और मुण्ड का संहार किया था। जब मां दुर्गा असुर महिषासुर के साथ युद्ध कर रही थी, उस समय महिषासुर के सहयोगी चण्ड और मुण्ड ने मां दुर्गा पर पीछे से वार किया था, पीछे से प्रहार करने के कारण मां को बहुत क्रोध आया और क्रोध के कारण उनके चेहरे का रंग नीला हो गया तब देवी ने क्रोधित होकर अपना तीसरा नेत्र खोला और चामुण्डा अवतार धारण किया। मां दुर्गा ने चामुण्डा अवतार लेकर दोनों दुष्ट राक्षसों का संहार किया। तभी से इस दिन मां दुर्गा के प्रचंड अवतार, चामुंडा के सम्मान के रूप में संधि पूजा की जाती है।

संधि पूजा का शुभ मुहूर्त –

इस बार संधि पूजा महाअष्टमी को रात्रि 8:45 से 9.31 तक है। मां भगवती सुख समृद्धि भाग्य से पूरित कर देती है। वह महादात्री और महाधातृ हैं। जन्म जन्मान्तर के दुःख दारिद्र क्लेश का विनाश होता है और सुख सौभाग्य का उदय होता है।

संधि पूजा की विधि –

संधि पूजा को बहुत ही धूम धाम और भव्य तरीके से किया जाता है। संधिपूजा के दिन मां दुर्गा के के सम्मुख 108 दीपक प्रज्वलित किए जाते हैं। इस दिन मां दुर्गा को 108 कमल के फूल, 108 बिल्वपत्र, आभूषण, पारंपरिक वस्त्र, गुड़हल के फूल, कच्चे चावल अनाज, एक लाल रंग का फल और माला अर्पित किया जाता है।

बलि का हैं खास महत्व –

कुछ लोग संधि पूजा के दिन मां दुर्गा के सामने कद्दू और ककड़ी की बलि भी चढ़ाते हैं। इसके बाद मां दुर्गा के मंत्रों का जप करके उनकी आरती की जाती है। वैसे सभी जगहों पर अलग अलग तरीके से संधि पूजा की जातीहै। संधि पूजा को बहुत ही सम्मानित पर्व माना जाता है। यह पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।

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Author: Firenib

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