कांग्रेस विधायक ललित नागर का फरीदाबाद के तिगांव विधानसभा सीट से टिकट कटने के बाद में तिवांग की वाटिका में समर्थकों की बैठक बुलाई। जहां पर ललित नागर भावुक होकर फूट-फूटकर रोने लगे। उन्होंने कहा की उनके साथ में धोखा हुआ है। जबकि उन्होंने विधयक रहते हुए इलाके के विकास में कोई कमी छोड़ है। हरने के बाद भी वह घर घर जाकर के लोगो से मिलते रहे। उन्होंने कभी भी किसी के मान सम्मान में कमी नहीं आने दी। उन्हें भरोसा था कि इस बार भी उन्हें ही टिकट मिलेगा। लेकिन कांग्रेसने उनके साथ में छला किया है और अंतिम लिस्ट से उनका नाम काट दिया।
36 बिरादरी का साथ मिला जरूर मिलेगी जीत
उन्होंने लोगों से कहा कि यदि उनके इलाके की 36 बिरादरी चाहती है तो वे चुनाव लड़ेंगे। यदि 36 बिरादरी चुनाव लड़ने के लिए मना करेगी तो नहीं लड़ेंगे। उनके पांव में चोट लगी हुई है, इसलिए आप सभी को ही ललित नागर और नागर का हाथ-पांव बनकर चुनाव लड़ना पड़ेगा। यदि उनकी चुनाव लड़ने के लिए हां है तो वे उनके हवन यज्ञ में आहुति डाले। जिसके बाद मौजूद समर्थकों ने निर्दलीय चुनाव लड़ने के लिए हामी भर दी।
उनके हवन यज्ञ में आहुति डाली। इसके बाद में ललित नागर के समर्थकों के साथ में नामांकन दाखिल किया। नागर ने पूछा कि आप भरी सभा में क्यों रोए? तो उन्होंने कहा कि मैं भावुक हो गया था। 36 बिरादरी की जनता उनके साथ है। वे अवश्य निर्दलीय चुनाव जीतेंगे और जीतने के बाद जिस भी पार्टी की सरकार बनेगी, उसमें शामिल होकर अपने इलाके का विकास करवाएंगे।
मेरे साथ में हुआ है छल
आपको बता दे, बुधवार की रात को कांग्रेस ने तीसरी सूचि जारी है। तिवांग सीट से यशपाल नागर के बेटे रोहित नागर को टिकट दिया गया है। टिकट कटने के बाद में ललित नागर ने समर्थकों की बैठक बुलाई जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी राजनीतिक हत्या की गई है। 15 साल से वे इलाके में पार्टी को खड़ा करने का प्रयास करते रहे। लेकिन ऐन मौके पर उनका टिकट काट दिया गया।