Gujrat Election : क्या गुजरात इलेक्शन में कांग्रेस अपना रही है कोई रणनीति? या फिर कर दिया है सरेंडर?

Gujrat Election : इस समय गुजरात विधानसभा चुनाव और हिमाचल विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी गलियारों में काफी चर्चाएं हो रही हैं. इस दौरान गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की क्या रणनीति है यही सवाल लोगों के मन में आ रहा है? क्या अपने लो प्रोफाइल चुनाव प्रचार के पीछे कांग्रेस की रणनीति छुट्टी है या फिर वह दूसरी पार्टियों के सामने सरेंडर कर चुकी है? इसी सवाल का जवाब ढूंढने के लिए कांग्रेस के सभी नेता कुछ दिन पहले दिल्ली में इकट्ठे हुए थे. इस दौरान सबसे ज्यादा सवाल यही लोगों के मन में आ रहा होगा.
Gujrat Election : ये है कांग्रेस की रणनीति
इस दौरान राज्य के एक नेता ने अपना बयान देते हुए इसके बारे में कुछ कहा है. उन्होंने इस बात को स्वीकार किया है कि पार्टी का प्रचार प्रसार कम हो रहा है. लेकिन इसके बाद उन्होंने कांग्रेस की रणनीति के बारे में बताया. इस दौरान उन्होंने 2017 के विधानसभा चुनाव के बारे में बात की. उन्होंने कहा कि 2017 के विधानसभा चुनाव में हम अपने हाई वोल्टेज प्रचार-प्रसार को अंत तक बरकरार नहीं रख पाए थे. प्रचार-प्रसार के अंतिम 15 दिनों में हम भारतीय जनता पार्टी से हार गए थे. इसलिए हमने पिछली हार से सबक लेकर इस बार घर-घर जाकर लोगों से संपर्क किया है.

Gujrat Election : दिवाली के बाद होगा तेजी से प्रचार-प्रसार
इसके आगे उन्होंने कहा कि हम जनसंपर्क के अलावा बूथ मैनेजमेंट की तरफ भी हमारा पूरा ध्यान दे रहे हैं. दिवाली के त्यौहार के बाद हम हाई वोल्टेज प्रचार प्रसार करने की तरफ आगे बढ़ेंगे. इस बार उन्होंने दावा किया है कि 2017 के चुनाव प्रचार से भी ज्यादा हाई वोल्टेज प्रचार प्रसार इस बार होने वाला है. लेकिन उन्होंने इस बात का खुलासा भी किया कि पिछली बार हार्दिक पटेल, जिग्नेश और अल्पेश की तिकड़ी से कांग्रेस को काफी फायदा मिला था. लेकिन इस बार सिर्फ जिग्नेश ही कांग्रेस में शामिल है. जबकि हार्दिक पटेल और अल्पेश भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो चुके है.
