यदि आपके ऑफिस में भी काम से ज्यादा राजनीती ज्यादा होती है तो जाहिर सी बात है ऐसे में काम करना अपने आप में काफी बड़ा चेलेंज होता है। नेगेटिव, अनसर्पोटिव, कम टैलेंटेड लोग ऐसा माहौल तैयार करने में मुख्य भूमिका निभाते है। वही यदि आपका ज्यादातर समय ऑफिस में गुजर रहा है इससे सीधा आपकी प्रोडक्टिविटी पर असर डालता है। यह प्रोफेशनल लाइफ के साथ साथ धीरे धीरे आपकी पर्सनल लाइफ पर भी असर दिखने लगता है अंत में आपके पास जॉब छोड़ने का एक ही विकल्प बचता है। लेकिन आजकल हर फील्ड में ऐसा मौहाल बन चूका है तो आप कब तक ऐसा करते रहेंगे। इसके लिए आपको इससे निपटने के जरूरी तरीके सोचने चाहिए।
नेगटिविटी वाले लोगों से जितना हो सके उतना दूर रहे। ऐसे लोगों को बस हैलो-हाय तक ही सीमित रखें।
ऑफिस में उन लोगों से दोस्ती करे जो आपकी तरह सोचते है मतलब काम की जगह न कोई गॉसिप और न ही पॉलिटिक्स की।
ऑफिस में प्रोफेशनल रवैया अपनाएं। चापलूस प्रवृत्ति के लोगों से पर्सनल बातें शेयर करने की गलती न करें, क्योंकि वो इसका फायदा भी उठा सकते हैं।
ऑफिस में अपने काम से काम रखने वाले लोग, बॉस के साथ मजाक-मस्ती न करने वाले लोग अकसर अकेले ही रहते हैं, लेकिन इसे लेकर उदास या निराश न रहें, बल्कि इस चीज को अपनी ताकत समझें। एक बात समझ लें ऑफिस में आप काम करने के लिए आते हैं, न कि गॉसिप करने और रिश्ते बनाने।
र बात का जवाब लड़ झगड़कर देने की जरूरत नहीं। कई बार शांत रहना भी एक अलग का जवाब होता है। अगर आपके साथ सरेआम भेदभाव हो रहा है, तो उससे डील करने के लिए जरूरी फैक्टस जुटाएं और फिर आगे बात करें।
बिना किसी वजह अगर आपका बॉस या मैनेजर आपको परेशान करने की कोशिश करते रहते हैं, तो चुप रहकर सहने के बजाय आवाज उठाएं। मैनेजमेंट से बातचीत करें। जरूरी नहीं मैनेजमेंट को सारी बातों की जानकारी हो, तो उनसे बातचीत करें क्या पता आपका फायदा ही हो जाए।
हर बात का जवाब लड़ झगड़कर देने के बजाय शांत रहकर भी दिया जा सकता है अगर आपके साथ में सरेआम भेदभाव किया जा रहा है तो उससे डील करने के जरूरी चीजें जुटाए इसके बाद आगे बात करे। बिना किसी वजह अगर आपका बॉस या मैनेजर आपको परेशान करने की कोशिश करता है तो चुप रहने के बजाय जवाब दे। मैनेजमेंट की सभी बाते बताए उनसे बातचीत करे तो आपको ही फायदा होगा।
