Politics: टिकट नहीं मिल पाई, तो अपने बगावती तेवरों से निपटने के लिए तैयार भाजपा के सामने आई चुनौती

Politics: बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के गृहजिला बिलासपुर में अपने बगावती तेवरों से निपटना मुश्किल होता जा रहा है। घुमारवीं हलके से तीन, झंडूता से तीन, नयनादेवी से दो और सदर से एक नेता के साथ बढ़ रहे बगावती तेवर टेंशन बढ़ा रहे है। झंडूता हलके से पूर्व मंत्री के बेटे ने बरठीं चौक पर शक्ति प्रदर्शन व जनसभा कर यह स्पष्ट कर दिया है।
इससे ये जाहिर हो गया है कि यदि पार्टी राजकुमार को टिकट देती नहीं देती है तो आजाद उम्मीदवार के रूप में चुनावी दंगल में उतर सकते है। ऐसी परिस्थिति में घुमारवीं हलके में भी बनी हुई है।
यहाँ के वरिष्ठ नेता विक्रम शर्मा और राकेश चोपड़ा संग युवा डॉ नवनीत गुलेरिया टिकट की दौड़ में खड़े है, जिससे मंत्री एवं वर्त्तमान विधयक राजेंद्र गर्ग के समक्ष मुश्किलें बढ़ गई है।

हालाँकि मेहन्द्र धर्माणी का नाम भी इस दौरान चर्चा में बना हुआ है, लेकिन कभी भी खुले मंच पर टिकट को लेकर के दवा पेश नहीं किया है। दूसरी तरफ राजेंद्र गर्ग पांच साल कि अवधि में करवाए गए विकास के बाद चुनाव में आशीर्वाद देने के लिए जनता के बीच में आ गए है।
बिलासपुर सदर विधनसभा सीट की बात की जाए तो भाजपा से ताल्लुक रखने वाले सुभाष शर्मा ने पिछले दिनों सार्वजनिक तौर पर चुनाव लड़ने के अपने इरादे को जाहिर कर दिया है। सदर से इस समय सुभाष शर्मा विधायक हैं।

उन्हें इस पर पूर्ण विश्वास है कि इस बार भी टिकट उन्हें मिलेगा। हालांकि यहां से त्रिलोक जम्वाल भी टिकट के प्रबल दावेदारों में से एक हैं। लेकिन उन्हें कभी भी सार्वजनिक मंच से चुनाव लड़ने के लिए कोई बयान नहीं दिया गया है।
वह इस समय पार्टी के प्रदेश महामंत्री और मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार पद पर काम कर रहे हैं। वहीं झंडूता हलके में रिटायर्ड आईएएस जेआर कटवाल इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे है.
लेकिन उनकी राह में मुश्किलें बढ़ रही है। यहाँ के पूर्व मंत्री के बेटे राजकुमार कोंडल चुनौती बनते जा रहे है तो वहीं बीजेपी के अमरनाथ धीमान और मनोज ने अपनी दावेदारी पेश की है।