वैश्विक मृदा सम्मेलन 2024 के उद्घाटन सत्र में सम्मानित गणमान्य व्यक्तियों के दूरदृष्टि पूर्ण संबोधन की झलक देखने को मिली। माननीय केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री, श्री शिवराज सिंह चौहान उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि रहे। उन्होंने खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने और वैश्विक स्थिरता प्राप्त करने में भारत सरकार की विभिन्न पहलों का उल्लेख करते हुए मृदा स्वास्थ्य पर एक महत्वपूर्ण एवं सम्मोहक संबोधन प्रस्तुत किया।
मंत्री ने मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन को व्यापक जलवायु क्रियान्वयन नीतियों में एकीकृत करने के लिए सरकार के सक्रिय प्रयासों पर प्रकाश डाला, साथ ही जलवायु परिवर्तन को कम करने और पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं का समर्थन करने में मिट्टी की अहम भूमिका को रेखांकित किया है। वही उन्होंने वैज्ञानिकों, नीति निर्माताओं तथा चिकित्सकों से मिट्टी की उत्पादकता तथा लचीलापन बढ़ाने तथा कार्रवाई हेतु किसान-केन्द्रित समाधान किया है। उन्होंने मिट्टी के क्षरण एवं पोषक तत्वों की हानि जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए नवीन तकनीकों का लाभ प्राप्त करने का भी आग्रह किया।
वैश्विक मृदा सम्मेलन 2024 के उद्घाटन सत्र में सम्मानित गणमान्य व्यक्तियों के दूरदृष्टि पूर्ण संबोधित की झलक देखने को मिली वही माननीय केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री, श्री शिवराज सिंह चौहान उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि रहे है वही उन्होंने इस कार्यक्रम के तहत खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने और वैश्विक स्थिरता प्राप्त करने में भारत सरकार की विभिन्न पहलों का उल्लेख भी किया है।
इसके साथ ही शिवराज सिंह चौहान ने जलवायु क्रियान्वयन नीतियों में एकीकृत करने के लिए सरकार के सक्रिय प्रयासों पर नजर डाली है। इसके साथ ही जलवायु परिवर्तन को कम करने और पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं का समर्थन करने में मिट्टी की अहम भूमिका को रेखांकित किया। वही मंत्री ने वैज्ञानिकों, नीति निर्माताओं तथा चिकित्सकों से मिट्टी की उत्पादकता तथा लचीलापन बढ़ाने तथा कार्रवाई हेतु किसान-केन्द्रित समाधान विकसित करने का भी आग्रह किया। उन्होंने मिट्टी के क्षरण एवं पोषक तत्वों की हानि जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए नवीन तकनीकों का लाभ प्राप्त करने का भी आग्रह भी किया है।
नीति आयोग के सदस्य और वैश्विक मृदा सम्मेलन 2024 के मुख्य अतिथि, डॉ. रमेश चंद ने कहा है मृदा प्रबंधन प्रथाओं के ऐतिहासिक विकास एवं कृषि उत्पादकता तथा स्थिरता पर उनके गहन प्रभाव को रेखांकित किया और पूर्ववर्ती दृष्टिकोण पर विचार करते हुए कहा है उन्होंने पारंपरिक कृषि प्रथाओं से लेकर आधुनिक तथा प्रौद्योगिकी-संचालित दृष्टिकोणों तक मृदा विज्ञान की यात्रा को गहनता से जाँच परख की है वही इस बात पर प्रकाश डाला है की कैसे मृदा प्रबंधन में नवाचारों ने खाद्य उत्पादन को बढ़ावा देने तथा पर्यावरणीय चुनौतियों का समाधान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।