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उत्तरकाशी. उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सिल्क्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों को निकलने का प्रयास जारी है। इसी बीच बचाव दल ने मंगलवार सुबह 6 इंच की पाइपलाइन के माध्यम से मजदूरों से सफलतापूर्वक संपर्क विकसित किया। मजदूरों ने 10 दिन बाद अपने परिजनों से बात की। जिससे परिजनों ने राहत महसूस की।
सुरंग में फंसे हुए मजदूरों में से एक, जयदेव ने पर सुपरवाइजर से बात करते हुए कहा, “कृपया रिकॉर्ड करें, मैं अपनी मां को कुछ बताऊंगा। मां, मेरी चिंता मत करो, मैं ठीक हूं…कृपया आप और पिताजी समय पर खाना खाएं।”
सुपरवाइजर को सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों से चिंता न करने और उन्हें जल्द ही बाहर निकालने के लिए कहते हुए सुना जा सकता है। सुपरवाइजर ने मजदूरों से पूछा कि क्या वह अपने माता-पिता को कुछ बताना चाहते हैं? क्योकि वॉयस रिकॉर्डिंग उनके माता-पिता को घर वापस भेजी जाएगी। इसी बीच फंसे हुए कुछ मजदूरों ने अपने परिजनों से संपर्क स्थापित किया और 10 दिनों से सुरंग में फंसे होने के बावजूद, उन्होंने असाधारण स्तर के धैर्य और साहस का परिचय दिया और अपने रिश्तेदारों से उनके बारे में चिंता न करने के लिए कहा।
#WATCH | Uttarkashi (Uttarakhand) tunnel collapse: Rescue workers try to make contact with the trapped workers through walkie-talkie pic.twitter.com/mCr5VRfSi0
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) November 21, 2023
भाभी ने देवर के लिए भेजे फल
सुरंग में फंसे 41 मजदूरों में शामिल अपने देवर प्रदीप किस्कू की कुशल क्षेम जानने के लिए बिहार के बांका से सिल्क्यारा पहुंची सुनीता हेम्ब्रम ने कहा, कि मैंने उनसे सुबह बात की। नए पाइप से उन्हें संतरे भेजे गए हैं। वह ठीक हैं। हेम्ब्रम ने कहा कि नए पाइप के जरिए मजदूरों से बातचीत में आसानी हुई है। उन्होंने कहा, ‘इससे पहले हमें उन्हें अपनी आवाज सुनाने के लिए चिल्लाना पड़ता था लेकिन आज उनकी आवाज स्पष्ट थी।’
#WATCH | Uttarkashi (Uttarakhand) tunnel accident: The vertical drilling machine at the Silkyara Tunnel, rescue operation continues pic.twitter.com/aeYCckX8RA
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) November 21, 2023
एक दूसरे का मनोबल बढ़ा रहे हैं मजदूर
पिछले नौ दिन से मलबे के दूसरी ओर फंसे अपने भाई गब्बर सिंह नेगी का इंतजार कर रहे जयमल सिंह नेगी ने कहा कि नई पाइपलाइन डाले जाने से निश्चित रूप से मजदूरों से संपर्क बेहतर हुआ है लेकिन असली चुनौती (उन्हें बाहर निकालने की) अभी बनी हुई है। उन्होंने कहा, “नई पाइपलाइन डाले जाने से भोजन को बड़ी मात्रा में भेजा जाना आसान हो गया है जो अच्छी बात है लेकिन वैसे देखा जाए तो स्थिति वही है जो पहले थी।” अपने भाई से बात करने के बाद नेगी ने कहा कि हांलांकि, फंसे मजदूर आपस में बातचीत कर रहे हैं और एक दूसरे का मनोबल बढ़ा रहे हैं।
दूसरी तरफ, उत्तर प्रदेश के रहने वाले चौधरी ने कहा कि उन्हें उनके पुत्र मंजीत से बात नहीं करने दी गयी। उन्होंने कहा, “मैं पिछले मंगलवार को आया था। मेरे यहां आने के तुरंत बाद मैंने मंजीत से एक बार बात की थी, लेकिन अब मुझे अंदर जाने और उससे बात करने की अनुमति नहीं दी जा रही है।”
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सोमवार को भेजा गया खाना
इससे पहले इस बीच, मलबे को आर-पार भेदकर डाली गयी छह इंच व्यास वाली पाइपलाइन के जरिए सोमवार रात को मजदूरों तक खिचड़ी भेजी गयी। खिचड़ी को चौड़े मुंह वाली प्लास्टिक की बोतलों में पैक कर मजदूरों तक पहुंचाया गया। सुरंग में चलाए जा रहे बचाव अभियान के प्रभारी कर्नल दीपक पाटिल ने बताया कि इस पाइपलाइन से दलिया, खिचड़ी, कटे हुए सेब और केले भेजे जा सकते हैं।
सुरंग के अंदर घूमने के लिए पर्याप्त जगह
गौरतलब है कि आज बचाव दल सुरंग में एक एंडोस्कोपी कैमरा डालने में कामयाब रहे और कैप्चर किए गए पहले दृश्यों से पता चला कि 41 मजदूरों के पास सुरंग के अंदर घूमने के लिए पर्याप्त जगह है। बचाव दल को पाइपलाइन के जरिए सुरंग में फंसे मजदूरों से बात करते हुए साफ देखा गया। बचाव दल ने मजदूरों से पाइपलाइन के माध्यम से डाले गए एंडोस्कोपिक फ्लेक्सी कैमरे के सामने आने का अनुरोध किया। एक कर्मचारी ने पाइप लाइन से कैमरा निकालकर सीमित जगह में रख दिया ताकि सभी की पहचान हो सके। सभी 41 कर्मचारी कैमरे के पास इकट्ठे हो गए। जिसके बाद बचाव दल ने उन्हें कैमरे की स्क्रीन साफ करने के लिए कहा। बचाव दल ने उन्हें बताया कि पाइपलाइन को पानी और ब्लोअर से साफ किया जाएगा, इसलिए उन्होंने उनसे कैमरा वापस रखने और पाइपलाइन और कंप्रेसर से दूर रहने को कहा।
उल्लेखनीय है कि 12 नवंबर को सिल्क्यारा से बारकोट तक एक सुरंग के निर्माण के दौरान सुरंग के 60 मीटर के हिस्से में मलबा गिरने के कारण 41 मजदूर फंस गए। माना जा रहा है कि मजदूर 2 किमी निर्मित सुरंग के हिस्से में फंसे हुए हैं, जो कंक्रीट के काम से भरा हुआ है और मजदूरों को सुरक्षा प्रदान करता है। सुरंग के इस हिस्से में बिजली और पानी की सुविधा है।
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