लड़कियों की शादी की सही उम्र को लेकर के सोशल मीडिया के ऊपर अक्सर चर्चा देखने को मिल जाती है लेकिन अब हिमाचल प्रदेश ने अपने प्रदेश में बेटियों की शादी की उम्र 21 वर्ष फिक्स कर दी है। हिमाचल प्रदेश विधानसभा ने मानसून सत्र के दौरान नया विधेयक पारित किया है। इससे पहले बेटियों की शादि की उम्र 18 साल थी। बता दें कि विधानसभा में लड़कियों की विवाह योग्य आयु बढ़ाने संबंधी बाल विवाह प्रतिषेध होता है। आपको बता दे, मानसून सत्र के दौरान एक विधेयक लाया गया है इसमें हिमाचल के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. धनी राम शांडिल ने बाल विवाह निषेध अधिनियम पेश किया। जिसको पारित कर दिया गया है। हिमाचल प्रदेश में पहले बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 लागू था जिसमें संशोधन किया गया है।
जब भी कोई विषयक कानून में बदलाव के लिए आता है तो इसे विधेयक के तौर पर शुरू किया जाता है लेकिन सदन जब इसे पारित करता है तो यह अधिनियम बन जाता है इसे को उन्होंने सामाजिक परिवर्तन के लिए जरूरी करार दिया। जिसके बाद अब हिमाचल प्रदेश में लड़कों और लड़कियों की शादी 21 साल से कम उम्र में नहीं होगी।
समाज में बदलाव के लिए बनेगा कानून
अगर कोई इस कानून का उल्लंघन करेगा तो नियमों के अनुसार उसे दंडित किए जाने का प्रावधान है। धनी राम ने कहा कि ऐसे मुद्दों पर सीएम सुक्खू सक्रिय रहे हैं। हिमाचल पहला ऐसा राज्य है, जहां अनाथ बच्चों के लिए कानून बनाया गया है। अब नया कानून देश के लिए ऐतिहासिक होगा। यह कानून समाज में बदलाव का काम करेगा। दूसरे राज्य भी इसको फॉलो करेंगे। 21 साल की उम्र शादी के लिए की गई है। जिससे लड़का-लड़की दोनों तरक्की करेंगे।
यदि कोई भी इस कानून का उल्लंघन करता है तो नियमों के अनुसार उसे दंडित किए जाने का प्रावधान है। धनी राम ने कहा कि ऐसे मुद्दों पर सीएम सुक्खू सक्रिय रहे हैं। हिमाचल पहला ऐसा राज्य है, जहां अनाथ बच्चों के लिए कानून बनाया गया है। अब नया कानून देश के लिए ऐतिहासिक होगा। यह कानून समाज में बदलाव का काम करेगा। दूसरे राज्य भी इसको फॉलो करेंगे। 21 साल की उम्र शादी के लिए की गई है। जिससे लड़का-लड़की दोनों तरक्की करेंगे।
बता दें कि इस विधेयक को सभी दलों का साथ मिला। बीजेपी विधायक रीना कश्यप ने इसे सही फैसला बताया। कहा कि ऐसा करना जरूरी था। 21 साल की उम्र में ही युवा शादी के लिए सही परिपक्व होते हैं। यह महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है।
