Diwali 2022 : यह तो हम सभी जानते हैं कि दिवाली पर त्योहार माता लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा कर पूरी की जाती है। लेकिन दिवाली से कृष्ण भगवान और महावीर स्वामी की जिंदगी भी जुड़ी हुई है, जिसके बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं। महावीर स्वामी के कारण ही जैन धर्म के लोग दिवाली का त्योहार बड़े धूमधाम के साथ मनाते हैं। आज हम आपको इन मान्यताओं के बारे में बताएंगे।

Diwali 2022 : महावीर स्वामी से जुड़ी है दिवाली
हमारी पौराणिक कथाओं के अनुसार जैन धर्म और उनके परंपराओं के हिसाब से महावीर स्वामी ने दिवाली के दिन ही मोक्ष की प्राप्ति की थी। दिवाली के अवसर पर ही महावीर स्वामी ने अपने स्वास को त्याग कर दुनिया को अलविदा कहा था। यही कारण है कि जैन धर्म के लोग निर्वाण दिवस के रूप में दिवाली मनाते हैं।

जैन धर्म के लोगों का ऐसा कहना है कि भगवान महावीर ने इस दिन अपने समुदाय के लोगों को जीवन के वास्तविक प्रकाश का विवरण दिखाया था। इसी कारण जैन धर्म के लोग अंधकार को मिटाकर दिवाली का त्यौहार खुशियों के साथ मनाते हैं। यहां तक कि जैन धर्म के लोगों का यह भी मानना है कि दिवाली के त्यौहार पर जन्म और मरण के चक्र पर विजय पाई जाती है। इसीलिए यह लोग दिवाली के दिन दीपक जलाकर अपना त्यौहार मनाते हैं।
Diwali 2022 : श्री कृष्णा से दिवाली का संबंध
हम में से कई लोगों को नहीं पता होगा कि दिवाली के दिन से श्री कृष्णा का भी संबंध है। हमारे हिंदू धर्म के अनुसार पौराणिक कथाओं में बताया गया है कि दिवाली के दिन ही श्री कृष्णा ने सत्यभामा की मदद से नरकासुर का वध किया था। प्राचीन कथा के अनुसार आसाम राज्य में द्वापर युग में नरकासुर नामक राजा राज्य किया करता था। नरकासुर राक्षस ने 16000 राजकुमारियों का अपहरण कर के अपने महल में उन्हें बंधक बना रखा था। पुरानी कथा के द्वारा ऐसा बताया जाता है कि नरकासुर का वध करने के धरती माता ने सत्यभामा का रूप धारण किया और उनके पति श्री कृष्ण बने थे।

श्री कृष्णा और उनकी पत्नी सत्यभामा ने नरकासुर का वध कर 16000 राजकुमारियों को छुड़वाया था। यहां तक कि कुछ पौराणिक कथाओं में यह भी लिखा गया है कि दिवाली के दिन ही श्री कृष्णा ने अपना देह त्याग दिया था।

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