गुर्जर समाज कल्याण परिषद ने प्रधानमंत्री को भेजा ज्ञापन….गिरीपार को हाटी का दर्जा ना देने की उठाई मांग…

नाहन: गुर्जर समाज कल्याण परिषद का एक प्रतिनिधिमंडल आज उपायुक्त आरके गौतम से मिला। इस दौरान उन्होंने उपायुक्त के माध्यम से प्रधानमंत्री को एक ज्ञापन भेजा। इस ज्ञापन में उन्होंने जिला सिरमौर के हाटी क्षेत्र को जनजाति घोषित न करने की मांग की। गुज्जर समाज कल्याण परिषद के सदस्यों ने कहा कि जिला सिरमौर में हिंदू व मुस्लिम गुर्जर समुदाय के दस हजार की आबादी के लोग हैं। जिन्हें आजादी के समय से जनजाति (एसटी) का दर्जा मिला हुआ है। गुर्जर समुदाय खानाबदोश जाति है जो अपने पशुओं के साथ जंगलों में जीवन में यापन करते है। उधर गिरीपार क्षेत्र में सर्वण जाति के लोग हैं जो सुविधा संपन्न लोग हैं। इस समुदाय के लोग आईएएस, एचएस, खनन कारोबार से जुड़े हुए हैं इनके जनजाति होने से गुर्जर समुदाय के परंपरागत जीवन शैली बाधित होगी। जनजाति का आरक्षण व रिक्तियां वर्तमान में 7.5% है, जोकि वर्तमान ने 7.5 प्रतिशत से ज्यादा नहीं हो सकता। और चार लाख की आबादी इसी 7.5 कोटा शामिल हो जाएगी। जिससे गुर्जर समुदाय के लोगों की रोटी बंट जाएगी और उनके अधिकारों का हनन होगा।
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गुज्जर कल्याण परिषद ने कहा कि हाटी समुदाय में हर प्रकार की सुविधा है,वहां के लोग आर्थिक स्थिति से सही हैं। यहां तक कि साथ लगता जौनसार बाबर से भी गिरीपार उन्नत है। इसलिए गिरीपार क्षेत्र को हाटी का दर्जा ना दिया जाए। गुज्जर समाज कल्याण परिषद ने कहा कि गिरी पार क्षेत्र में एस्ट्रो सिटी के 106 मामले दर्ज हैं। जिसमें स्वर्ण जाति के लोगों ने एसी जाति के लोगों पर अत्याचार किए हैं। यहां स्वर्ण जाति के एक व्यक्ति ने कुंदन सिंह जिदान को अपनी गाड़ी के पहिए के नीचे कुचल दिया था। गिरीपार को जनजाति का दर्जा मिलने से सभी जातियां समायोजित जाएगी और एस्ट्रोसिटी एक्ट खत्म हो जाएगा। जिसे एससी जाति के लोगो उनका हक नहीं मिल पाएगा। गुर्जर समाज कल्याण परिषद ने प्रधानमंत्री से मांग की है कि कृपा क्षेत्र को जनजाति ना घोषित किया जाए। अगर उनकी मांग पूरी ना हुई तो वे आंदोलन के लिए मजबूर हो जाएंगे। इस मौके पर गुर्जर समाज कल्याण परिषद के अध्यक्ष हंसराज गुर्जर, यशपाल, दीपचंद, अमित, मोहन, अनिल, मनोज, कुलदीप, मोहन, कुलवंत, गौरव आदि उपस्थित रहे।
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