Himachal News : शीतकालीन सत्र में वित्तीय प्रबंधन पर उठाये गए सवाल,बिना प्रावधान के खर्च हुए 623 करोड़

Himachal News : हिमाचल में शीतकालीन सत्र के दौरान वर्ष 2020-2021 के रिपोर्ट का खुलासा हुआ हैं, जिसमें 623 करोड़ 39 लाख 68 हजार 317 रूपये के खर्च को दिखाया गया हैं, जिसके लिए सरकार के पास कोई भी प्रावधान नहीं था.सिर्फ इस वर्ष ही नहीं 2019 -20 में भी 1 करोड़ 37 हजार 681 राशि के व्यय का भी कोई प्रमाण नहीं हैं.हिमाचल सरकार के इन खर्चो के वजह से हिमाचल घाटे में चल रहा हैं.

मुख्य हाइलाइट्स –
-बिना प्रावधान किये गए खर्च पर उठे सवाल,लगभग 623 करोड़ रूपये खर्च किये गए हैं.
-अर्थवयवस्था के अनुसार हिमाचल सरकार चल रही हैं घाटे में,
-2025-26 में सरकार को हर साल वेतन पर 1675 करोड़ रूपए खर्च करने होंगे.
-विधानसभा के आखरी दिन खर्च पर उठाये गए सवाल.
हिमाचल अभी घाटे में चल रही हैं, जिसके कारण केंद्रीय सरकार से जीएसटी मुआवजा के साथ ही साथ पेंशन के खर्चो से भी राजस्व घाटा 5.84 फीसदी बढ़ गयी हैं.हिमाचल की अर्थव्यवस्था कर्मचारियों के बढ़ते वेतन और पेंशन के खर्चों से दबाव में है। पेंशन और वेतन के साथ-साथ ऋण के ब्याज की अदायगी पर सरकार बजट का 55 फीसदी से अधिक खर्च कर रही है। खर्चों में बढ़ोतरी का आलम यह है कि आगामी चार सालों में वेतन, पेंशन, ब्याज, सामाजिक सुरक्षा और उपदानों के भुगतान पर सरकार को बीते वित्तीय वर्ष से 10 हजार करोड़ अधिक खर्च करने पड़ेंगे।
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