दिल्ली/नासिक: महासंगम यात्रा अपनी आध्यात्मिक यात्रा के दौरान महाराष्ट्र के पवित्र त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग पहुँची, जहाँ IMPC के राष्ट्रीय महासचिव एवं AVPL इंटरनेशनल के चेयरमैन श्री दीप सिहाग सिसाए ने भव्य पूजा-अर्चना और दर्शन किए। इस अवसर पर उन्होंने एक महत्वपूर्ण प्रेस वार्ता को संबोधित किया, जिसमें उन्होंने महासंगम यात्रा की उपलब्धियों, उद्देश्यों और भविष्य की योजनाओं पर प्रकाश डाला।
प्रेस वार्ता में दीप सिहाग सिसाए ने कही महत्वपूर्ण बातें
श्री दीप सिहाग सिसाए ने प्रेस वार्ता में कहा कि महासंगम यात्रा केवल एक धार्मिक यात्रा नहीं, बल्कि यह सनातन संस्कृति और आधुनिक तकनीक का भव्य संगम है। यह यात्रा भारत के मंदिरों के संरक्षण, आधुनिकीकरण और स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए कार्य कर रही है। उन्होंने बताया कि महासंगम यात्रा अब तक 10,000 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय कर चुकी है और लाखों श्रद्धालु इस अभियान का हिस्सा बन चुके हैं। उन्होंने आगे कहा, “हमारा उद्देश्य केवल मंदिरों का दौरा करना नहीं है, बल्कि उन्हें डिजिटल रूप से सशक्त बनाना, युवाओं को सनातन संस्कृति से जोड़ना और धार्मिक पर्यटन को एक नए आयाम तक ले जाना है।” उन्होंने जोर देकर कहा कि IMPC के द्वारा 1 लाख स्वयंसेवकों की टीम तैयार कर रही है, जो देशभर के मंदिरों की स्वच्छता, रखरखाव और प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
प्राचीन मंदिरों को डिजिटल युग से जोड़ने का संकल्प
महासंगम यात्रा के दौरान IMPC डिजिटल टेक्नोलॉजी के माध्यम से मंदिरों को सशक्त करने का प्रयास कर रही है। ऑनलाइन दर्शन, डिजिटल पूजा बुकिंग और पुजारियों को डिजिटल प्लेटफॉर्म से जोड़ने जैसे कदमों से मंदिरों की सेवा और श्रद्धालुओं की सुविधा में सुधार लाया जा रहा है। दीप सिहाग सिसाए ने बताया कि यह पहल मंदिरों की पारंपरिक पूजा-पद्धतियों को संरक्षित करते हुए उन्हें आधुनिक युग के अनुरूप ढालने की दिशा में एक बड़ा कदम है। उन्होंने यह भी कहा कि IMPC और भगवा ऐप के सहयोग से मंदिर परिसरों के आसपास पूजा सामग्री बेचने वाले दुकानदारों को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से जोड़ा जाएगा, जिससे वे डिजिटल माध्यम से अपने उत्पाद श्रद्धालुओं तक पहुँचा सकें। यह पहल आर्थिक विकास और धार्मिक पर्यटन को नई गति प्रदान करेगी।
युवाओं की भागीदारी और शिक्षा संस्थानों का योगदान
दीप सिहाग सिसाए ने युवाओं की भूमिका पर जोर देते हुए बताया कि इंजीनियरिंग, MBA और अन्य शैक्षणिक संस्थानों के छात्र भी इस यात्रा से जुड़कर मंदिर प्रबंधन को आधुनिक तकनीक से जोड़ने में योगदान दे रहे हैं। डिजिटल आरती, ऑनलाइन दान व्यवस्था और लाइव दर्शन जैसी सुविधाएँ विकसित की जा रही हैं, जिससे सनातन परंपराओं को भविष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप ढाला जा सके।
इस दौरान महासंगम यात्रा में आएं सभी श्रद्धालुओं और IMPC के प्रतिनिधियों ने त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन किए। इस पावन अवसर पर, राष्ट्रीय महासचिव दीप सिहाग सिसाए ने विशेष पूजा-अर्चना की और सनातन संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन पर बल दिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि महासंगम यात्रा केवल धार्मिक स्थलों का भ्रमण मात्र नहीं है, बल्कि यह भारत की आध्यात्मिक चेतना को पुनर्जीवित करने का एक महाअभियान है। उन्होंने मंदिरों के आधुनिकीकरण, डिजिटल तकनीक के समावेश और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों को भी विस्तार से बताया।
108 त्रिशूल पूजन और आध्यात्मिक अनुष्ठान
महासंगम यात्रा के दौरान त्रिशूल पूजन, गंगा जल अभिषेक और अन्य धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन किया जा रहा है। इन कार्यक्रमों से यात्रा का आध्यात्मिक महत्व और अधिक बढ़ गया है। वैदिक मंत्रोच्चारण और भव्य आरती के माध्यम से श्रद्धालुओं को सनातन संस्कृति की दिव्यता का अनुभव कराया जा रहा है।
महासंगम यात्रा – एक ऐतिहासिक पहल
IMPC के राष्ट्रीय महासचिव श्री दीप सिहाग सिसाए ने कहा, “महासंगम यात्रा केवल एक धार्मिक यात्रा नहीं, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को पुनर्जीवित करने का एक व्यापक अभियान है। हम इस यात्रा के माध्यम से मंदिरों के संरक्षण, आधुनिकीकरण और युवाओं को सनातन संस्कृति से जोड़ने की दिशा में महत्वपूर्ण कार्य कर रहे हैं। हमारा लक्ष्य भारत की आध्यात्मिक धरोहर को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाना है।” इस यात्रा का अंतिम पड़ाव 21 फरवरी 2025 को दिल्ली में होगा, जहाँ इसका भव्य समापन समारोह आयोजित किया जाएगा। महासंगम यात्रा के तहत देश के प्रमुख धार्मिक स्थलों को जोड़ने का यह प्रयास भारत की सनातन संस्कृति को पुनः स्थापित करने का एक ऐतिहासिक संकल्प है।
आपको बता दें कि यहाँ से यात्रा सीधे वडोदरा जाएगी उसके बाद सोमनाथ मंदिर में दर्शन कर द्वारका में पूजा अर्चना कर अपने अगले पड़ाव के लिए प्रश्थान करेगी,
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