Himachal News: लाहौल स्पीति से विधायक और कांग्रेस प्रदेश कमेटी के आदिवासी विभाग के अध्यक्ष रवि ठाकुर ने शनिवार को प्रेस वार्ता में बताया कि पूर्व भाजपा सरकार के दौरान
जिला लाहौल स्पीति की छह पंचायतों में टाउन एंड कंट्री प्लानिंग TCP के नियम लागू किए गए
लाहौल स्पीति में टीसीपी की पुनः समीक्षा की मांग की
लेकिन स्थानीय जनता इनके विरोध में है. उन्होंने कहा कि जनता इन नियमों को लेकर संतुष्ट नहीं है ऐसे में इसको लेकर उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मुलाकात की और लाहौल स्पीति में टीसीपी की पुनः समीक्षा की मांग की है. वहीं मुख्यमंत्री की ओर से भी इस मामले को लेकर लाहौल स्पीति की जनता की राय को तरजीह देने की बात कही है.रवि ठाकुर ने कहा कि भाजपा के वक्त में जिला लाहौल स्पीति की इन 6 पंचायतों को टीसीपी के दायरे में लाया गया. उन्होंने कहा लेकिन इन पंचायतों में माप लेने का काम सही तरीके से नहीं किया गया.
पंचायतों के लिए मास्टर प्लान आए लेकिन टीसीपी के नियमों को लागू न किया जाए
उन्होंने प्रदेश सरकार से इसको लेकर जांच करने की मांग की और फैसले की पुनः समीक्षा करने की मांग उठाई. रवि ठाकुर ने बताया कि लाहौल स्पीति की परिस्थितियां वह तलाक है ऐसे में टीसीपी के नियम वहां ठीक नहीं बैठते हैं. उन्होंने कहा कि क्षेत्र के लोग इस पक्ष में जरूर हैं कि इन पंचायतों के लिए मास्टर प्लान आए लेकिन टीसीपी के नियमों को लागू न किया जाए. इसके अलावा रवि ठाकुर ने कहा कि लाहौल स्पीति के अंदर 3000 करोड़ की लागत से बन रहे एसकेटीटी और एसकेजी सड़कों के लिए किए जाने वाली भूमि अधिग्रहण पर एक समान रेड देने की मांग की है.
सभी जगहों पर लोगों को समान रेट मिलना चाहिए
उन्होंने कहा कि वर्तमान में सर्कल रेट के मुताबिक कई स्थानों पर जमीनों के रेट 5 लाख प्रति बिस्वा है तो कहीं 70 हज़ार यह सड़कें राष्ट्रीय हितों को देखते हुए बन रही है ऐसे में सभी जगहों पर लोगों को समान रेट मिलना चाहिए.
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