हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिक्स सम्मेलन में शिरकत कर रहे है। उन्होंने रूस के कजान में हो रहे ब्रिक्स सम्मेलन में शामिल हुए है यहाँ पर उन्होंने एक बात पर जोर देते हुए कहा है कि भारत ने हमेशा स्वस्थ बातचीत की पहल करने की कोशिश की है। पीएम मोदी ने कहा, हम युद्ध नहीं, बल्कि बातचीत और डिप्लोमेसी के समर्थक हैं।”
इस दौरान पीएम मोदी ने आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले देशों की तरफ इशारा किया है। उन्होंने आतंकियों की फंडिंग करने वाले देशों के विरुद्ध सदस्य देशों के बीच मजबूत और सर्वसम्मत सहयोग का आह्वान किया है। पीएम मोदी ने कहा- “आतंकवाद और आतंकी वित्तपोषण से निपटने के लिए हम सभी को दृढ़ता और सर्वसम्मति से सहयोग करना होगा।”
ब्रिक्स ने हासिल कीं कई उपलब्धियां
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, मैं 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के सफल आयोजन के लिए राष्ट्रपति पुतिन का धन्यवाद चाहता हूँ। वह अपने नए स्वरूप में ब्रिक्स विश्व की 40% मानवता और लगभग 30% अर्थव्यवस्था का प्रतिनिधित्व करता है। वही पिछले दो दशकों में ब्रिक्स ने कई उपलब्धियां हासिल की है। इसी के साथ उन्होंने कहा यह संगठन वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए और अधिक प्रभावी माध्यम बनकर उभरेगा।
शी जिनपिंग से होगी मुलाकात
प्रधानमंत्री मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने बुधवार को रूस के कजान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के मौके पर पक्षीय वार्ता के लिए तैयार हैं। यह 5 साल में पहली बार होगा, जब दोनों देशों शीर्ष नेता मुलाकात करेंगे। ये वार्ता भारत और चीन के बीच विवाद को कम करने के उद्देश्य से की गयी है।
क्या है ब्रिक्स?
ब्राजील, रूस, भारत और चीन से मिलकर BRIC बना है। संस्थापक देशों ने 2009 में रूस में अपना पहला शिखर सम्मेलन आयोजित किया था। 2010 में दक्षिण अफ्रीका के शामिल होने के बाद समूह का नाम बदलकर BRICS कर दिया गया। इसके बाद में 1 जनवरी, 2024 को इसमें चार नए सदस्य जुड़े। इसमें मिस्र, इथियोपिया, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात का नाम शामिल है। ब्रिक्स का 16वां शिखर सम्मेलन 22 से 24 अक्टूबर, 2024 तक रूस के कजान में आयोजित किया जा रहा है।
