Diwali: दिवाली वाली बस आने ही वाली है और दिवाली के समय पर खाने पीने की वस्तुओं की बाजार में डिमांड और आवश्यकता बढ़ जाती है वही वस्तुओं की बाजार में किल्लत होती है तो फिर इनकी कीमतों में वृद्धि हो जाती है और फिर यह आम आदमी की पहुंच से बाहर हो जाती है.
अगर उसे वह वस्तु चाहिए तो उसे उसके लिए ज्यादा पैसों का भुगतान करना होगा और इस तरह आम आदमी का त्यौहार के समय बजट गड़बड़ा जाता है.
इसी को देखते हुए केंद्र सरकार ने आम जनता को दिवाली के समय बड़ा तोहफा दिया है केंद्र सरकार ने उपभोक्ताओं को सस्ता भोजन कराने की ठानी है और सरकार ने सस्ती कीमत पर दाल और प्याज मुहैया कराने की घोषणा की है उपभोक्ता मंत्रालय ने बताया है कि दिवाली पर खाने पीने की चीजों के दाम कंट्रोल करने के लिए जरूरी कोशिशें की जा रही है।
Diwali: केंद्र सरकार ने लिया बड़ा फैसला
उपभोक्ता मंत्रालय ने बताया है कि केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए सभी राज्यों को कम कीमत पर अनाज और खाने-पीने की वस्तुएं उपलब्ध कराने की घोषणा की है सरकार ने दालों की कीमत में 8 रूपये की कटौती की है और इस कटौती के बाद ही सभी राज्यों को दाल की आपूर्ति की जा रही है ताकि दिवाली के समय सभी उपभोक्ताओं व जनता को महंगाई की मार से बचाया जा सके और लोग त्यौहार का आनंद ले सकें.
इसके अलावा सरकार ने एक और कदम उठाते हुए बाजार में प्याज की किल्लत को कम करने के लिए बफर स्टॉक से प्याज मुहैया कराने का फैसला लिया है जिससे बाजार में प्याज की आपूर्ति बनी रहे और प्याज की कीमतों में वृद्धि ना हो।
Diwali: सरकार के पास है पर्याप्त मात्रा में स्टॉक
सरकार द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार पता चला है कि सरकार के पास अभी 42000 टन दाल का स्टॉक है दिवाली आने से पहले ही केंद्र सरकार ने राज्यों को कम कीमत पर दाल की आपूर्ति कर दी है जिससे उपभोक्ताओं को सस्ती कीमत पर डाले उपलब्ध होंगी और उन्हें अपनी जेब ढीली नहीं करनी पड़ेगी वहीं केंद्र सरकार ने अब तक राज्यों को 88000 टन दाल उपलब्ध कराई है वहीं सरकार ने मसूर दाल की एमएसपी ₹500 प्रति क्विंटल की दर से बढ़ा दी है इसके बाद मसूर दाल की है एसपी 550 से बढ़कर ₹6000 हो गई है इस तरह सरकार ने किसानों के हित के बारे में भी सोचा है और उन्हें एक तरह से त्योहार के समय पर राहत दी है
Diwali: किया जाता है दाल का आयात
भारत के उपभोक्ताओं की जरूरतों को पूरा करने के लिए सरकार दाल का आयात करती है वहीं उपभोक्ता मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार वित्त वर्ष 2022 से 26 तक देश में हर साल म्यांमार से 2.5 लाख टन उड़द और 1 लाख टन अरहर दाल का आयात किया जाएगा वहीं इसके साथ ही दक्षिणी पूर्वी अफ्रीकी देश मलावी से भी अगले 5 वर्षों तक लगभग 50 हजार टन अरहर दाल का आयात किया जाएगा इस तरह केंद्र सरकार उपभोग और रोजमर्रा के काम में आने वाली वस्तुओं की कीमतों को नियंत्रित करने का पूरा प्रयास कर रही है।