अनिरुद्ध सिंह ने ली ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग की रिव्यू बैठक
हिमाचल में अभी भी जनसंख्या का एक बड़ा हिस्सा ग्रामीण इलाकों में रहता है. इस नाते ग्रामीणों की समस्याएं और ग्रामीण इलाकों में विकास प्रदेश में एक अहम मुद्दा है. प्रदेश में नई सरकार के गठन के बाद ग्रामीण क्षेत्र के उत्थान की अहम जिम्मेदारी अनिरुद्ध सिंह को सौंपी गई है. बीते शुक्रवार को प्रदेश सरकार में पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग की निदेशक व सचिव स्तर की एक रिव्यू बैठक ली. बैठक में विभाग के सचिव और डायरेक्टर स्तर के अधिकारी मौजूद रहे. बैठक में मनरेगा जैसे विषयों के साथ साथ पंचायती राज के अंतर्गत आने वाली लगभग 12 महत्वपूर्ण स्कीम पर चर्चा हुई बैठक में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर समाधान तलाशने की कोशिश की गई और आज के कार्यक्रम के लिए एक्शन प्लान तैयार किया गया. प्रदेश के कई इलाकों के प्रधान और जिला परिषद प्रतिनिधि ऑनलाइन हाजरी प्रक्रिया में दिक्कतों का सामना करने की बात पंचायती राज मंत्री के आगे रख चुके हैं, जिसको लेकर बैठक में समाधान तलाशने पर चर्चा हुई. मीडिया से बातचीत के दौरान प्रदेश के ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने बताया की विभाग की एक रिव्यू मीटिंग ले गई. उन्होंने कहा कि मनरेगा की पहुंच ग्रामीण इलाकों में घर घर तक है और साल 2022-23 में मनरेगा के तहत सरकार ने ग्यारह सौ करोड़ रुपए का खर्च किया जिसमे 538 करोड रुपए का भुगतान दिहाड़ी के रूप में मजदूरों को किया गया. अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि पंचायती राज के अधीन आने वाली 12 योजनाएं चलाई जाती है. बैठक में इन योजनाओं पर भी चर्चा हुई. अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि ग्रामीण इलाकों में विकास कार्यों के लिए सरकार का एक्शन प्लान बिल्कुल तैयार है और मार्च 31 से पहले पहले इस एक्शन प्लान को इंप्लीमेंट भी कर दिया जाएगा। इस दौरान अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि बजट सत्र के दौरान ग्रामीण इलाकों में रहने वाली महिलाओं को सरकार विशेष तोहफा भी देने जा रही है।
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