Search
Close this search box.

भीष्म पितामह ने दुर्योधन को बताए थे यह वचन, विदुर और द्रोणाचार्य ने भी जताई थी सहमति

👇खबर सुनने के लिए प्ले बटन दबाएं

Dharma: महाभारत में एक किस्सा वार्णावत में लाक्षागृह का भी आता है. धृतराष्ट्र का पुत्र दुर्योधन पांडवों को कभी भी राजा नहीं बनने देना चाहता था. इसीलिए दुर्योधन ने लाक्षागृह बनवाकर पांडवों समेत उनकी माता को भी जलाने की कोशिश की थी. लेकिन अपनी समझदारी के कारण उन्होंने अंदर ही अंदर सुरंग बना ली और वहां से बाहर निकल गए. इसके बाद कार्यकारी राजा धृतराष्ट्र ने पांडवों को राज्य देने की एक गुप्त बैठक की. इस बैठक में उन्होंने भीष्म पितामह के साथ कुल गुरु कृपाचार्य, द्रोणाचार्य और विदुर को बुलाकर विचार विमर्श किया.

भीष्म पितामह ने दुर्योधन को बताया धर्म विरुद्ध राजा

 भीष्म पितामह ने दुर्योधन के बारे में बात करते हुए कहा कि मैं कभी भी पांडवों से झगड़ा करने की बात का समर्थन नहीं करूंगा. जिस तरह तुम इस राज्य को अपने पूर्वजों का समझते हो, ठीक उसी प्रकार यह राज्य में पांडवों के पूर्वजों का भी है. इसके आगे भीष्म पितामह ने कहा था कि अगर यह राज्य पांडवों के उत्तराधिकार में नहीं आता तो तुम या फिर इस भरत वंश का कोई भी नागरिक इस राज्य का उत्तराधिकारी नहीं हो सकता. इस समय जो तुम राजा बनकर बैठे होयह तो धर्म के बिल्कुल विरुद्ध है. तुमसे पहले तो पांडव इस राज्य के उत्तराधिकारी है.

 भीष्म पितामह ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि तुम्हें तो राजी खुशी पांडवों को उनका राज्य लौटा देना चाहिए. इसी बात में तुम्हारी और बाकी सब की भलाई है, नहीं तो इसके आगे क्या होगा किसी को भी नहीं पता है. दुर्योधन को संबोधित करते हुए भीष्म पितामह ने कहा कि तुम अपने ऊपर यह कलंक मत लो.

 ऐसा होना असंभव

 भीष्म पितामह ने लाक्षागृह की बात को बताते हुए कहा कि जब मैंने यह बात सुनी कि पांचो पांडव अपनी मां कुंती के साथ लाक्षागृह में जलकर भस्म हो गए हैं तो मेरी आंखों के सामने तो बिल्कुल अंधेरा सा हो गया था. उनके लाक्षागृह में जलकर मरने का पाप तुम्हारे सर पर जितना लगा है, उतना कलंक बनाने वाले पर नहीं लगा. अगर पांडव जीवित मिल जाते हैं तो ही तुम्हारे सिर से यह कलंक मिट सकता है. अगर भगवान इंद्र खुद भी चाहे तो पांडवों को उनके राज्य से वंचित नहीं कर सकते.

Read More..Vastu Tips: इन चीजों को रखें स्टोर रूम से दूर, नहीं तो घर में आ जाएगी पैसो की कमी..

 पांडव बहुत बुद्धिमान है और आपस में सबसे मेलजोल बनाकर रखते हैं. तुमने अब तक जो उनसे राज्य छीनने के काम किए हैं वह अधर्म है. इसके बाद भीष्म पितामह ने धृतराष्ट्र से कहा कि मैं तुम्हें मेरा पूर्ण रुप से मत बता देता हूं कि यदि तुम्हें धर्म से थोड़ा बहुत भी प्यार है और अपना भला चाहते हो तो जल्द से जल्द पांडवों का उनका राज्य लौटा दो. बाद में भीष्म पितामह की इस बात से गुरु द्रोणाचार्य और महात्मा विदुर ने भी अपना समर्थन दिया.

Firenib
Author: Firenib

EMPOWER INDEPENDENT JOURNALISM – JOIN US TODAY!

DEAR READER,
We’re committed to unbiased, in-depth journalism that uncovers truth and gives voice to the unheard. To sustain our mission, we need your help. Your contribution, no matter the size, fuels our research, reporting, and impact.
Stand with us in preserving independent journalism’s integrity and transparency. Support free press, diverse perspectives, and informed democracy.
Click [here] to join and be part of this vital endeavour.
Thank you for valuing independent journalism.

WARMLY

Chief Editor Firenib

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

2024 में भारत के प्रधान मंत्री कौन होंगे ?
  • नरेन्द्र दामोदर दास मोदी 47%, 98 votes
    98 votes 47%
    98 votes - 47% of all votes
  • राहुल गाँधी 27%, 56 votes
    56 votes 27%
    56 votes - 27% of all votes
  • नितीश कुमार 22%, 45 votes
    45 votes 22%
    45 votes - 22% of all votes
  • ममता बैनर्जी 4%, 9 votes
    9 votes 4%
    9 votes - 4% of all votes
Total Votes: 208
December 30, 2023 - January 31, 2024
Voting is closed