हाल ही में विधानसभा बजट सत्र के दौरान सामने आई जानकरी के मुताबिक पिछले 4 सालों में Himachal Pradesh के BPL परिवारों की संख्या में इज़ाफ़ा देखने को मला है। जानकारी के मुताबिक साल 2020-21 में जहां इन परिवारों की संख्या 2 लाख 58 हज़ार 852 थी। वहीं 15 जनवरी 2024 तक BPL परिवारों की संख्या बढ़कर 2 लाख 66 हजार 304 हो गई। इसका मतलब है कि पिछले चार सालों की इस अवधि के दौरान प्रदेश के 7 हजार 452 नए परिवार गरीबी रेखा के नीचे आ गए।
आपको बता दें भाजपा विधायक द्वारा किए गए सवाल के जवाब में प्रदेश सरकार ने यह आंकड़े साझा किए। अगर बात करें पिछले 4 सालों की तो 2020-21 में बीपीएल परिवारों की संख्या 2 लाख 58 हजार 852 थी, जो 2021-22 में बढ़कर 2 लाख 66 हजार 326 हो गई। इसके बाद साल 2022-23 में बीपीएल परिवारों की संख्या में गिरावट दर्ज की गई और यह संख्या 2 लाख 65 हजार 588 पर पंहुच गई।
ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक Himachal Pradesh में इतने परिवार गरीबी रेखा के नीचे
वहीं हाल में सामने आए आंकड़ों के मुताबिक साल 2023- 24 में एक बार फिर बीपीएल परिवारों की संख्या में बढ़ोतरी देखने को मिली है और इनकी संख्या 2 लाख 66 हजार 304 हो गई है। इसका मतलब है कि पिछले 4 सालों में हिमाचल प्रदेश के 7 हजार 452 परिवार गरीबी रेखा से नीचे पहुंच गए हैं। चलिए आपको बताते हैं कि बीपीएल परिवारों की लिस्ट में नाम जुड़वाने के लिए क्या मापदंड आवश्यक हैं।
बीपीएल परिवारों की लिस्ट में शामिल होने के मापदंड
बीपीएल परिवारों का चयन केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के मापदंडों के आधार पर किया जाता है। बीपीएल की सूची में ऐसे परिवार को शामिल किया जाता है जिसके पास 1 हेक्टेयर से कम भूमि है, बड़े आकार का पक्का घर नहीं है, जो इनकम टैक्स नहीं भरता, जो वेतन, पेंशन, मजदूरी या व्यवसाय के माध्यम से नियमित 2500 से अधिक नहीं कमाता, परिवार का कोई भी सदस्य सरकारी नौकरी या गैर सरकारी नौकरी पर कार्यरत नहीं है।