Himachal News: द्रंग विधायक पूर्ण चंद ठाकुर ने पूर्व मंत्री कौल सिंह ठाकुर पर पलटवार करते हुए कहा है कि इतने वरिष्ठ नेता को आपदा और राहत के लिए अपनी सरकार से सवाल करना चाहिए
कि आपदा राहत के लिए आये हेलीकॉप्टर में सैल्फ़ियां लेने के अलावा उन्होंने क्या किया।
राहत का काम सरकार का है न कि विपक्ष का
कौल सिंह तो मंत्री रहे हैं, उन्हें यह पता होना चाहिए कि राहत का काम सरकार का है न कि विपक्ष का। उन्होंने कहा कि इस आपदा में पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने जिन बाढ़ प्रभावित इलाक़े का दौरा तीन दिनों के भीतर सड़क मार्ग से ही कर लिया, उन इलाक़ों तक अब भी सरकार के लोग नहीं पहुंच पाये हैं। जयराम ठाकुर बुधवार को फिर दिल्ली गये हैं, वह फिर से हिमाचल के हित के मुद्दों को केंद्र सरकार के सामने उठायेंगे ही। पूर्ण चंद्र ने कहा कि आपदा के आने के बाद ही नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सभी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करना शुरू किया।
गृहमंत्री ने अग्रिम सहायता के तौर पर 180 करोड़ की पहली किश्त जारी
आपदा से हुए नुक़सान को देखते हुए उन्होंने अपना दौरा बीच में ही छोड़ दिल्ली गये और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाक़ात की। गृहमंत्री ने अग्रिम सहायता के तौर पर 180 करोड़ की पहली किश्त जारी कर दी। अगले दिन ही राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री फिर से हिमाचल आये और अन्य बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। दूसरे दिन ही केंद्र सरकार ने 181 करोड़ रुपये की दूसरी किश्त जारी कर दी। एनडीआरएफ़, सेना, वायु सेना हेलीकॉप्टर सब उपलब्ध करवाया और अब सब पूछ रहे हैं कि केंद्र सरकार ने क्या किया। यह तो शर्म की बात है।उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के हम आभारी है, जिन्होंने तत्काल मदद की। जिसकी वजह से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में फंसे हुए हज़ारों लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया।पूर्ण चंद ने कहा कि कौल सिंह ऊलजलूल बयान देकर अपनी राजनीति ज़मीन तलाशने की कोशिश कर रहे हैं। इसलिए वह सरकार की बजाय विपक्ष से सवाल कर रहे हैं।
कौल सिंह सिर्फ अपना कद बढ़ाने के लिए नेता प्रतिपक्ष पर सवाल करते हैं
मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि बाढ़ आए 16 दिन हो गए और आठ बार द्रांग से चुनाव जीते और कई बार मंत्री रहे कौल सिंह ठाकुर बताएं कि वो एक भी जगह कहीं गए क्या। आज उन्हें सराज की बड़ी याद आ रही है। उन्होंने कहा कि कौल सिंह सिर्फ अपना कद बढ़ाने के लिए नेता प्रतिपक्ष पर सवाल करते हैं जबकि मेरे सवालों का जवाब देने से घबराते हैं।उन्होंने कहा कि प्रदेश में ऐसा पहली बार हो रहा है जब राहत बांटने का काम प्रशासन के अलावा नेताओं और विधायकों के परिवार के लोग कर रहे हैं। मंत्रियों, सीपीएस और विधायकों के बेटे और पत्नियां राहत का पैसा नक़द में बांट रहे हैं। चुने हुए विधायकों के बजाए हारे नकारे कांग्रेस नेता प्रशासनिक अधिकारियों से बैठकें कर राहत राशि की बंदरबांट कर रहे हैं। जहां भाजपा के विधायक जीते हैं वहां न तो नुकसान का जायजा लिया जा रहा है और न प्रभावितों को मुआवजा दिया जा रहा है। ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण बात है और विधानसभा में सरकार को इसका जवाब देना ही होगा।
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