Indian Railway: रेलवे स्टेशन पर क्यों लिखी होती है समुद्र तल से उसकी ऊंचाई, जाने इसके पीछे का राज

Indian Railway: भारत में रेल यातायात सबसे प्रमुख ट्रांसपोर्टेशन का साधन है और यह आम लोगों के लिए बहुत ही आवश्यक है क्योंकि रेल से यात्रा करना बहुत ही किफायती है जबकि बस से व सड़क परिवहन से यात्रा करना रेल से यात्रा करने के एवज में बहुत ही महंगा पड़ता है. वही आपको बता दें कि जो सुविधाएं रेल में यात्रा करते समय मिलती हैं वह सुविधाएं बस में यात्रा करते समय यात्रियों को नहीं मिलती हैं जैसे कि आप रेल में यात्रा करते समय टॉयलेट जा सकते हैं आप रेस्ट कर सकते हैं और भी कई सुविधाएं हैं जो आप ट्रेन में यात्रा करते समय पा सकते हैं और बस में यात्रा करते समय आपको वह सुविधाएं नहीं मिलती है.

दोस्त हो आपने भी अपने जीवन में कभी ना कभी रेल से यात्रा तो की ही होगी रेल से यात्रा करते समय आपने प्लेटफार्म पर या फिर ट्रेन में कई दिशा-निर्देश लिखे हुए देखेंगे जिनमें से कुछ निर्देश तो आपके काम के होते हैं और कुछ निर्देश आपके काम के नहीं होते हैं जिन्हें आप देखकर नरदर नजरअंदाज कर देते हैं लेकिन जिन्हें आप नजरअंदाज कर देते हैं वह निर्देश भी बहुत ही काम के होते हैं उन निर्देशों के बिना ड्राइवर या फिर ट्रेन के स्टाफ को परेशानी हो सकती है. इसलिए वह निर्देश ट्रेन के ड्राइवर के लिए बेहद जरूरी है.
दोस्तों जब आप ट्रेन से यात्रा करते हैं और आप हर एक प्लेटफार्म से गुजरते हैं तो आपने एक बड़ा सा पीला सा बोर्ड देखा होगा जो कि स्टेशन के दोनों तरफ लगा हुआ होता है जिस पर उस स्टेशनका नाम लिखा होता है.और उस दिशा निर्देश की भाषा अपने देश के क्षेत्रों के हिसाब से और भाषा के हिसाब से बदलती रहती है लेकिन उनमें एक भाषा कॉमन रहती है जोकि इंग्लिश भाषा है बाकी सब भाषाएं जगह के हिसाब से बदलती रहती हैं.

दोस्तों अगर आपने ध्यान दिया होगा तो स्टेशन के नाम के उस बड़े से पीले से बोर्ड के नीचे उस स्टेशन की समुद्र तल से ऊंचाई लिखी हुई होती है. यह समुद्र तल से उस स्टेशन की ऊंचाई ट्रेन के ड्राइवर के लिए बेहद ही काम की और जरूरी होती है इसी पीले से बोर्ड पर लिखे हुए समुद्र तल की ऊंचाई से ट्रेन का ड्राइवर यह अंदाजा लगाता है कि आगे चलकर हमें चढ़ाई का सामना करना होगा या फिर ढलान है. उसी निर्देश के अनुसार ट्रेन का ड्राइवर इंजन को पावर सप्लाई और स्पीड देता है जिससे कि ट्रेन आसानी से चल सके और अपनी मंजिल पर सही समय पर और आसानी से पहुंच पाए।
स्टेशन के नाम वाले बोर्ड पर सबसे नहीं उस स्टेशन की समद्र तल से ऊंचाई लिखी होती है. यह ट्रेन के ड्राइवर के लिए बहुत जरूरी होती है. इस समुद्र तल उंचाई से ही ट्रेन का ड्राइवर अंदाजा लगाता है कि आगे चढ़ाई है या फिर ढ़लान. उसी के मुताबिक ट्रेन का ड्राइवर इंजन की पावर सप्लाई और स्पीड तय करता है. जिससे की ट्रेन आसानी से मंजिल तक पहुंच जाए.