Kisan Credit Card: किसान क्रेडिट कार्ड एक ऐसी वित्तीय योजना है जोकि सरकार द्वारा भारतीय किसानों को कृषि गतिविधियों के लिए आर्थिक मदद करने हेतु चलाई गई है। अक्सर किसानों को सही समय पर फसल न बिकने से पैसो की तंगी से गुजरना पड़ता है. इससे खेती करने के लिए किसानों को काफी आर्थिक संकट से दो चार भी होना पड़ता है. किसानों को ऐसे संकट से बचाने के लिए तथा उनकी खेती को सुचारू रूप से चलाने के लिए किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan Credit Card) योजना को शुरू किया गया है. यह किसानों को आर्थिक मुसीबत बचाता है और खेती में कृषि यंत्रो, बीज, खाद, कीटनाशक, ईंधन, खरपतवार सामग्री तथा इरीगेशन जैसी सुविधाओं को खरीदने के लिए वित्त सहायता प्रदान करता है।
कम ब्याज दर, मिलती है 3 फीसदी सब्सिडी
किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan Credit Card) पर सरकार ने बहुत ही कम ब्याज दर रखी है, जिसमें किसान को एक वर्ष में सिर्फ 7 फीसदी ही ब्याज देना पड़ता है, और यदि किसान इस ऋण को एक वर्ष से पहले चुकाता है, तो उसे 3 फीसदी की सब्सिडी का भी लाभ दिया जाता है. सरकार किसानों को इस कार्ड के ऋण को चुकाने के लिए एक वर्ष का समय देती है. परन्तु जागरूकता की कमी और ऋण प्रबंधन के ज्ञान की कमी के चलते कुछ किसानों के द्वारा इसका इस्तेमाल सही तरीके से नहीं किया जाता है. इस कारण से किसानों को क्रेडिट कार्ड (Kisan Credit Card) पर बहुत अधिक ब्याज भी देना पड़ता है. आज हम इस लेख के माध्यम से बताएँगे कि किसान कैसे इस किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan Credit Card) का इसेमाल करें कि उन्हें कम ब्याज देना पड़ें साथ ही इस कार्ड पर सरकार द्वारा दी जा रही सब्सिडी का भी लाभ मिल सकें.
ऋण को लम्बे समय तक न करें होल्ड
अक्सर किसान KCC कार्ड की राशी को ऐसी वस्तुएं खरीदने में इस्तेमाल करते है जिनसे कोई Income लम्बे समय तक प्राप्त नहीं होती. इससे कार्ड का ऋण वर्षों तक बरकारर रहता है, और ब्याज दर भी बढती जाती है. केनरा बैंक के डिप्टी जनरल संदीप ने बताया कि किसान ऋण को एक बड़ी राशी में खर्च न करके छोटी-छोटी राशी में इस्तेमाल करें और तभी करें जब उन्हें ये ज्ञात हो कि उनके पास छोटी राशी कही से आने वाली है. उदाहरण के तौर पर यदि उनके पास कुछ महीनों बाद 40 हजार रूपये आने वालें है, तो वह कार्ड से 40 हजार रूपये खर्च कर के समय से पहले वापस कार्ड में डाल कर सरकार द्वारा सब्सिडी का लाभ उठा सकते है. उन्होंने बताया यदि किसान 1 मार्च 2023 को कार्ड से पैसे निकलता है, तो उसे उतनी राशी 28 फरवरी 2024 तक कार्ड में जमा करनी चाहिए तब किसान को 3 फीसदी ब्याज की सब्सिडी का लाभ मिलेगा, साथ ही उस ऋण पर किसान को सिर्फ 4 फीसदी ब्याज ही चुकाना पड़ेगा.
सक्रीय पूंजी में करें निवेश
केनरा बैंक के डिप्टी जनरल संदीप ने बताया किसानों को KCC कार्ड की राशी लम्बे समय के निवेश में नहीं लगानी चाहिए. इससे उनको ब्याज पर मिल रही सब्सिडी का लाभ नहीं मिल पाता है. उन्होंने कहा कि किसान खेती के लिए कृषि संयंत्रों को खरीदने के लिए इस कार्ड का इस्तेमाल करते है, जिससे उनकी धन राशी लम्बे समय तक फंस जाती है और उनके ऋण चुकाने की सीमा समाप्त हो जाती है. इसलिए किसानों को कार्ड की राशी का इस्तेमाल सक्रीय पूंजी में करना चाहिए जिससे 4 या 5 महीनों अथवा 8 से 9 महीनों में वह अपनी धन राशी आसानी से चुका सकें.
किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) को बचत खातें की तरह करें इस्तेमाल
बैंक अधिकारी कहते है कि किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan Credit Card) आम क्रेडिट कार्ड की तरह नहीं है. इसमें किसान जितनी राशी निकालतें है उतनी ही राशी पर वर्ष में एक बार ब्याज लगता है. इसलिए किसान अपनी बचत को इसी खातें में जमा करते रहना चाहिए. ताकि सरकार की सब्सिडी का लाभ किसानों को लगातार मिलता रहें. यदि वह लम्बे समय तक इस ऋण को नहीं चुकाते तो किसानो पर एक साल के बाद 7 फीसदी ब्याज और 2 वर्ष के बाद ब्याज बढता चला जाता है, और किसानों के ऊपर ऋण का ब्याज बढ़ता चला जाता है. ऋण न चुकाने की सूरत में किसान की छवि भी ख़राब हो जाती है और किसान किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं ले पाता है. इसलिए किसान अपने KCC के इस खाते में नियमित रूप से राशी निकालते और डालते रहना चाहिए.
खातें की जानकारी से रहें जागरूक
किसानों इस KCC कार्ड के खातें की जानकारी को समय-समय पर लेते रहना चाहिए, ताकि किसी भी ऋण का समय 1 वर्ष की अवधि के समीप हो तो इसकी जानकारी समय पर मिल सकें. इसके आलावा किसान अपने मोबाइल पर बैंक के द्वारा भेजे जाने वालें संदेशो को भी पढ़ते रहना चाहिए, ताकि कोई ऋण की जानकारी किसानों से न छूटें. बैंक के द्वारा भी किसानों को हर लेन-देन की जानकारी मोबाइल सन्देश के मध्यम से दी जाती है.
व्यक्तिगत खर्च में क्रेडिट कार्ड के उपयोग से बचे
किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan Credit Card) का इतेस्माल सिर्फ बीज, खाद, कीटनाशक, ईंधन, खरपतवारी सामग्री तथा इरीगेशन हेतु सुविधाओं के लिए ही करना चाहिए ताकि फ़सल तैयार होने में मदद मिल सकें. इस कार्ड का ऋण कुछ ही महीनों में किसान अपनी फ़सल बेच कर आसानी से चुका सकता है. परन्तु यदि इस राशी को किसान किसी व्यक्तिगत खर्च के लिए इस्तेमाल करता है तो उसको कोई राशी प्राप्त नहीं होती और वह कर्ज लगातार बना रहता है. साथ की कृषि के दौरान भी उसे कर्ज लेने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है. अत किसान इस कार्ड का इस्तेमाल सिर्फ कृषि के लिए ही करें.
आपदा में मिलता 4 महीने का अतरिक्त समय
किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) से किसान किसी भी आपदा से बच सकतें है. किसान अपने बैंक खातें को सरकार की फ़सल बीमा योजना से जोड़ सकते है. जिससे किसी भी आपदा पर बीमा से आर्थिक नुकसान की भरपाई हो जाती है, साथ ही बीमा की क़िस्त किसान क्रेडिट कार्ड से हो जाती है. जिसके लिए किसानों को प्रति वर्ष अपने बैंक को फ़सल बीमा कवर के लिए जानकारी देनी होगी. इतना ही नहीं इस कार्ड पर सरकार ऋण चुकाने के लिए 4 महीने का अतिरिक्त समय भी देती है. जिसमे फ़सल का सही दाम न मिलने पर किसान अपनी फ़सल का ब्यौरा बैंक मेनेजर को बता कर अपनी फ़सल को गोदाम में सुरक्षित रख सकता है और सही दाम मिलते ही बेच कर अपना ऋण चुका सकता है.
किसान क्रेडिट कार्ड के लिए पात्रता (Kisan cradit Card eligibility)
- आवेदक को भारतीय किसान होना चाहिए।
- उन्हें एक संगठनित कृषि सेक्टर, सहकारी संस्था, बैंक, आदि में अपनी पहचान प्रदान करनी होगी।
- किसान को आवेदन फॉर्म भरकर जमा करना होगा, जिसमें उनकी व्यक्तिगत और कृषि संबंधित जानकारी होनी चाहिए।
किसान क्रेडिट कार्ड से किसान को निम्नलिखित लाभ मिल सकते हैं
- किसान को उचित ब्याज दर पर ऋण प्राप्त करने की सुविधा होती है।
- इसके माध्यम से किसान वित्तीय संसाधन प्राप्त करके खेती को मॉडर्नाइज कर सकते हैं।
- खरीदारी के लिए खेती सामग्री, खाद, बीज, ईंधन आदि खरीदने की सुविधा होती है।
- किसान को खेती से संबंधित व्यवसायिक गतिविधियों को बढ़ाने के लिए ऋण प्राप्त करने में मदद मिलती है।
- किसान को इसके माध्यम से विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने की सुविधा मिलती है, जैसे कि राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना (PMFBY) और प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM-KISAN)।
इस प्रकार, किसान क्रेडिट कार्ड किसानों को ऋण प्राप्त करने, खेती को मॉडर्नाइज करने और सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने में मदद करता है, जो उनकी आर्थिक स्थिति को सुधारकर उन्नति का मार्ग प्रशस्त करता है।
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