Success Story: आर्मी में नौकरी करते करते ही की कड़ी मेहनत और बन गए SDM

Success Story: दोस्तों जवाब किसी काम को करने की ठान लेते हैं और उसके लिए जी तोड़ प्रयास करते हैं तो आपको सफलता मिलती ही है चाहे उसके लिए आपको कितनी ही कठिनाइयों का सामना क्यों ना करना पड़े चाहे आप किसी भी परिस्थिति में हो कहीं पर भी हो लेकिन अंत में आपको सफलता जरूर ही मिलती है ऐसी ही एक कहानी हरियाणा के रहने वाले नसीब फोगाट की. जिन्होंने आर्मी में नौकरी की लेकिन अफसर बनने का सपना नहीं छोड़ा और वह आर्मी में नौकरी करते हुए SDM बन गए.
Success Story: आर्थिक स्थिति
दोस्तो आपको बता देगी नसीब फोगाट के पिता एक किसान थे इसी कारण उनके पिता द्वारा अपने बच्चों को पढ़ाना और अच्छी शिक्षा दिलाना बहुत ही मुश्किल था.इस कारण घर की आर्थिक स्थिति को देखकर ही नसीब फोगाट ने पढ़ाई छोड़ नौकरी की तलाश करने लगे और उन्हें महज 17 साल की उम्र में ही आर्मी में नौकरी मिल गई नसीब फोगाट को आर्मी में बहुत ही मुश्किलों का सामना भी करना पड़ा है

Success Story: आर्मी में किया खतरों का सामना
दोस्तों आपको बता दे की नसीब फोगाट को आर्मी में बहुत ही मुश्किलों का सामना भी करना पड़ा है. आर्मी में नसीब की पहली पोस्टिंग कारगिल में हुई थी, जहां एक ब्लास्ट के दौरान वो बुरी तरह से घायल हो गए थे. और बात उनकी जान तक बनाई थी लेकिन वह बच गए दोस्तों आपको बता देगी नसीब ने आर्मी में नौकरी करते हुए भी पढ़ाई कभी नहीं छोड़ी थी और नौकरी के साथ साथ ही उन्होंने पढ़ाई जारी रखें. और जब वह है आर्मी में घायल हुए तो उन्होंने तय किया कि वह आर्मी की नौकरी से निकलकर यूपीएससी की तैयारी करेंगे
Success Story: आय के सीमित स्रोत से किया गुजारा
आर्मी से रिटायर होने के बाद नसीब के पास आय का एकमात्र स्रोत उनकी पेंशन ही थी जिसे उन्होंने बहुत ही समझदारी से बाल किया और अपने बच्चों की पढ़ाई के साथ साथ ही अपनी खुद की पढ़ाई भी जारी रखें आर्मी से निकलने के बाद उन्होंने लो में एडमिशन ले लिया और लोग की पढ़ाई के साथ साथ ही वह तैयारियां भी करते थे
नसीब ने बताया की सिर्फ प्रोफेशनल लाइफ में ही नहीं बल्कि पर्सनल लाइफ में भी सफलता बेहद जरूरी है. आर्मी से निकलने के बाद उन्होंने अपने बच्चों की पढ़ाई के साथ-साथ अपनी पढ़ाई भी जारी रखी और परिवार को भी बहुत ही अच्छे तरीके से संभाला हरियाणा के एसडीएम बनने से पहले नसीब ने कई सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन भी किया इनमें से कुछ में तो नसीब को सफलता भी हासिल हुई जिसका फायदा भी उन्हें हुआ. वह एक असिस्टेंट प्रोफेसर भी बन गए थे उस समय तक उनका चयन हरियाणा सिविल सेवा परीक्षा में नहीं हुआ था. और अन्त में हरियाणा सिविल सेवा की परीक्षा पास अगर उन्होंने अपना एसडीएम बनने का सपना पूरा किया।