Search
Close this search box.

International Yoga day 2023: योग भारत की प्राचीन धरोहर -बिंदल

योग शब्द - वेदों, उपनिषदों, गीता एवं पुराणों में अति प्राचीन काल से व्यवहार में आया है। भारतीय दर्शन में योग एक अति महत्वपूर्ण शब्द है। आत्म दर्शन एवं समाधि से लेकर कर्मक्षेत्र तक योग का व्यापक व्यवहार हमारे शास्त्रों में हुआ है।

👇खबर सुनने के लिए प्ले बटन दबाएं

International Yoga day 2023: दिग्गज नेता भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल ने नाहन विधानसभा क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के कार्यक्रम में भाग लिया। इस दौरान उन्होंने समस्त प्रदेशवासियों को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि योग शब्द – वेदों, उपनिषदों, गीता एवं पुराणों में अति प्राचीन काल से व्यवहार में आया है। भारतीय दर्शन में योग एक अति महत्वपूर्ण शब्द है। आत्म दर्शन एवं समाधि से लेकर कर्मक्षेत्र तक योग का व्यापक व्यवहार हमारे शास्त्रों में हुआ है।

योग पर हो सकती हैं हजारों-लाखों पीएचडी

इस अवसर पर उन्होंने कहा कि ऋषि-मुनियों ने योग की अलग-अलग प्रकार से व्याख्या की है जो अनंत है। हजारों-लाखों पीएचडी योग पर हो सकती हैं परंतु हमें अष्टांग योग को धारण करने से अपना सामान्य जीवन व्यतीत करते हुए जीवन का कल्याण कर सकते हैं। महर्षि पतंजलि योग शब्द का अर्थ चित्तवृत्ति का निरोध करते हैं। महा ऋषि व्यास योग शब्द का अर्थ समाधि करते हैं। सयंम पूर्वक साधना करते हुए आत्मा का परमात्मा के साथ योग करके समाधि का आनंद लेना योग है।

आसन एवं प्राणायाम

उन्होंने कहा कि अष्टांग योग – यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान एवं समाधि। इनमें से हम दो विषयों पर ही जन सामान्य चर्चा-वार्ता करते हैं। वह है, आसन एवं प्राणायाम।आसन एवं प्राणायाम से हमारे शरीर के हर हिस्से में सही प्रकार से रक्त का संचार होता है। शने: शने: हमारी मांसपेशियां, सनायु एवं तंतु सभी सक्रिय होकर शरीर से दोषों का निर्हरण करते हुए शरीर दोषमुक्त होने लगता है। मांसपेशियों का संकुच्चन एवं प्रसारण होने से रक्त संचार पूर्णरूपेण होता है।

शरीर का आधार है धर्म, अर्थ, काम व मोक्ष.

धर्म, अर्थ, काम व मोक्ष चारों पुरूषार्थों का आधार है शरीर,मनुष्य जीवन के चार पुरुषार्थों का वर्णन है। धर्म, अर्थ, काम व मोक्ष – इन चारों पुरूषार्थों का आधार है-शरीर, यदि शरीर लगातार लम्बे समय तक स्वस्थ रहता है तो ही चारों पुरुषार्थों को साधा जा सकता है। इसलिए स्वस्थ शरीर ही आधार है।

सुश्रुता संहिता में योग का विस्तार से वर्णन

उन्होंने कहा कि सुश्रुता संहिता के अनुसार स्वस्थ शरीर कुछ इस प्रकार वर्णन किया गया है. समदोष: समाग्निश्च समधातुमलक्रिय: ।प्रसन्नात्मेन्द्रियमना: स्वस्थ इत्यभिधीयते ॥इसका अर्थ है कि जिस मनुष्य के दोष सम हैं, जिस मनुष्य की अग्नियां सम हैं, जिस मनुष्य की धातुएं सम हैं, मल क्रियाएं सम हैं, व जिसकी आत्मा, इंद्रियां व मन प्रसन्न है, वही स्वस्थ है। यह सब कुछ योग (अष्टांग योग) से संभव है।इस दौरान डॉ राजीव बिंदल ने योग दिवस पर सभी प्रदेश वासियों से योग करने की अपील भी की.

https://firenib.com/ujjwala-yojna-making-life-happy-of-women/: International Yoga day 2023: योग भारत की प्राचीन धरोहर -बिंदल
Firenib
Author: Firenib

EMPOWER INDEPENDENT JOURNALISM – JOIN US TODAY!

DEAR READER,
We’re committed to unbiased, in-depth journalism that uncovers truth and gives voice to the unheard. To sustain our mission, we need your help. Your contribution, no matter the size, fuels our research, reporting, and impact.
Stand with us in preserving independent journalism’s integrity and transparency. Support free press, diverse perspectives, and informed democracy.
Click [here] to join and be part of this vital endeavour.
Thank you for valuing independent journalism.

WARMLY

Chief Editor Firenib

2024 में भारत के प्रधान मंत्री कौन होंगे ?
  • नरेन्द्र दामोदर दास मोदी 47%, 98 votes
    98 votes 47%
    98 votes - 47% of all votes
  • राहुल गाँधी 27%, 56 votes
    56 votes 27%
    56 votes - 27% of all votes
  • नितीश कुमार 22%, 45 votes
    45 votes 22%
    45 votes - 22% of all votes
  • ममता बैनर्जी 4%, 9 votes
    9 votes 4%
    9 votes - 4% of all votes
Total Votes: 208
December 30, 2023 - January 31, 2024
Voting is closed