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Success Story : पढ़िए विदेश की नौकरी छोड़कर देश में खेती करने वाले इंसान की प्रेरक कहानी, ड्रैगन फ्रूट की खेती कर कमा रहा 35 लाख रूपये

Success Story

Success Story : आज के समय में हर कोई जल्दी से जल्दी अमीर बनना चाहता है और अधिक से अधिक पैसा कमाना चाहता है. आज इस लेख में हम आपको ऐसे ही इंसान की कहानी बताने जा रहे हैं. जिसने विदेश की अच्छी नौकरी छोड़कर देश की तरफ रुख किया और आज अपने देश में खेती करके लाखों रुपए कमा रहा है.

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उत्तर प्रदेश के रहने वाले अंशुल मिश्रा ने चेन्नई से कंप्यूटर साइंस में बीटेक और दिल्ली से डाटा साइंस की पढ़ाई कर रखी है. अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद इन्हें विदेशों की कई कंपनियों से नौकरी का ऑफर आया था लेकिन इन्होंने नौकरी को मना करते हुए अपने देश की तरफ रूख किया. अपने घर वापस लौट कर आने के बाद इन्होंने खेती का काम शुरू कर दिया और आज अच्छी कमाई कर रहे हैं.

बंजर खेत में लाखों का मुनाफा

उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले के रहने वाले अंशुल मिश्रा ने बताया कि उन्होंने महाराष्ट्र से लगभग 1600 पौधे ड्रैगन फ्रूट के मंगवाए थे और अपने खेत की बंजर पड़ी जमीन में लगा दिए थे. इस तरह खेती करने से उन्हें लागत से 4 गुना अधिक का मुनाफा हुआ.

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अब कर रहे है 35 लाख की कमाई

युवा किसान अंशुल मिश्रा ने बताया कि उन्होंने अपने 5 एकड़ खेत में 20000 ड्रैगन फ्रूट के पौधे लगा रखे हैं. इस खेती से वह हर साल घर बैठे ही 35 लाख रूपये की कमाई कर रहे है. ने बताया कि इस तरह की कमाई करने के लिए उन्हें अपने खेत में पहले सहफसली खेती का सहारा भी लेना पड़ा था, जिससे ये सब मुमकिन हो पाया.

ड्रैगन फ्रूट की खेती करने वाले बने बड़े किसान

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अंशुल मिश्रा उत्तर प्रदेश के अलावा 15 राज्यों में ड्रैगन फ्रूट की खेती करने वाले सबसे बड़े किसान बन चुके हैं. वह अपने खेत में ड्रैगन फ्रूट लगाकर उन्हें बाजार में अच्छे दामों में बेचते भी हैं. उनके ड्रैगन फ्रूट के पौधों को बिहार, मध्यप्रदेश और हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान ले जाकर अच्छा मुनाफा कमा रहे है.

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खेती के लिए परीक्षण

25 साल के युवा किसान अंशुल मिश्रा अन्य किसानों की आय बढ़ाने के लिए भी लगातार परीक्षण कर रहे हैं. इसके अलावा देश के प्रधानमंत्री और राज्य के मुख्यमंत्री से भी लगातार सहयोग की अपेक्षा करते रहते हैं. जिससे किसानों को प्रशिक्षण मिल सके और वह आत्मनिर्भर बन सकें.

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