Himachal News: नेता प्रतिपक्ष ने आज बाढ़ प्रभावित थुनाग क्षेत्र का दौरा किया और पीड़ित परिवारों से मिले। पीड़ित परिवारों ने नेता प्रतिपक्ष से मिलकर अपनी समस्याएं बताई।
लोगों का कहना है कि सरकार सभी प्रभावितों को राहत प्रदान नहीं कर रहीहैं।
आपदा के इतने दिनों बाद भी जनजीवन अस्तव्यस्त
बहुत सारे लोगों का सब कुछ चला गया लेकिन उन्हें कुछ भी नहीं मिला है। लोगों के आशियानें ख़त्म हो गये हैं और लोग किराए के घरों में या रिश्तेदारों के यहां रहने को मजबूर हैं। आपदा के इतने दिनों बाद भी जनजीवन अस्तव्यस्त है। नेता प्रतिपक्ष ने इस मुलाक़ात में थुनाग के लोगों से मिलकर आपदा से निपटने के विषय में चर्चा की और लोगों से सुझाव भी लिए। इस मौक़े पर सभी लोगों ने भविष्य के लिए कई सुझाव दिये जिससे भविष्य में इस प्रकार मी घटनाएं घटित न होने पाए। इसके लिए स्थानीय लोगों ने नाले के चैनलाइजेशन का प्रस्ताव दिया।
मसले को केंद्र और राज्य सरकार के समझ उठाने की बात कही
नेता प्रतिपक्ष ने इसे अपनी विधायक प्राथमिकता के काम के रूप में प्रस्तावित करने का भरोसा दिया और इस मसले को केंद्र और राज्य सरकार के समझ उठाने की बात कही। नाले के लिए कई लोगों ने ज़मीन देने का भी प्रस्ताव रखा। कई स्थानीय लोगों ने कहा कि इस आपदा में राहत के तौर पर किसानों को कुछ नहीं मिला। फ़्लोरीकल्चर को बहुत नुक़सान हुआ है। लेकिन कोई मुआवज़ा नहीं मिला है। सरकार इस पर भी ध्यान दे क्योंकि कई लोगों ने क़र्ज़ लेकर फूलों की खेती की थी, सब कुछ बर्बाद हो गया। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार विधायक निधि को बहाल करे। इससे लोगों को तत्काल मदद मिलती हैं।
सड़के ज़्यादा बनने से यह तबाही आई, तो सरकार बताए
नेता प्रतिपक्ष ने इस दौरान लोगों को संबोधित करते हुए सरकार पर भी गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने हमें बदनाम करने की कोशिश की, तमाम उल्टे सीधे आरोप लगाए। सरकार में बैठे कई लोगों का कहना है कि सड़के ज़्यादा बनने से यह तबाही आई, तो सरकार बताए जिन क्षेत्रों में सड़कें नहीं थी, वहाँ पर तबाही कैसे आई। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सड़के लोगों की माँग पर बनाई गई थी, हमने लोगों के पीठ का बोझ कम करने के लिए। सड़कें बनवाई थी। यह ग़लत परंपरा हैं। इसे रोका जाना चाहिए। राजनीति में बदले की नहीं विकास करने कि भावना से काम करना चाहिये।
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